पर पवित्र शास्त्रमे असिके लिखल बा, ‘जब परमेश्वर संसारहे बनैलाँ, ऊ थारु और जन्नी मनै बनैलाँ।’ तबेकमारे परमेश्वर कहतताँ, ‘थारु मनैया अपन दाई-बाबाहे छोरके अपन जन्नीक संग एक्के होजाई। तबेकमारे ओसिक ते भोज करुइयन भोज करनासे आघे दुईथो अलग-अलग मनै रथाँ, पर आब परमेश्वर ओइन्हे एकथो मन्थाँ, और ऊ चहथाँ कि ओइने सदादिनके लग विवाहित पलिरहिँत। तबेकमारे ओइने दुनु जाने एक्के होजिहीँ।’ भोज करके ओइने दुई जाने नै रहिहीँ, पर एक्के शरीर होजिहीँ।