मंए दाऊ ले बिनती करहूं कि ओहर तुमन ला अऊ एगोट मदेत करोईया ला देही, अऊ ओहर हमेसा तुमन कर संगे रही। ओहर सचाई कर आत्मा हवे, जेला संसार कर मईनसे मन अपनाए नई सकें, काबरकि संसार कर मईनसे मन तो ओके ला नई देखें, अऊ ओके ला नई जानें। बकिन तुमन ओला जानथा, काबरकि ओहर तुमन कर संगे रथे अऊ ओहर तुमन में रही।