काबरकि परमेस्वर जेहर मोर मालीक लागे, अऊ जेकर सेवा मंए करथों, ओकर सरगदूत हर आएज राती, मोर जग आए के कहीस हवे, ‘ए पौलुस, झईन डराओ, काबरकि तोके ला कैसर महाराजा कर आगू में ठड़होए बर जरूरी हवे, देख, परमेस्वर हर सब मईनसे मन ला जेमन तोर संगे हवें, तोर चलते बचाही।’