“शरीअत के आलिमों से ख़बरदार रहना। जो लम्बे-लम्बे चोग़े पहन कर इधर-उधर चलना पसन्द करते हैं और चाहते हैं के लोग बाज़ारों में उन्हें एहतिरामन मुबारकबादी सलाम करें। वह यहूदी इबादतगाहों में आला दर्जे की कुर्सियां और ज़ियाफ़तों में सद्र नशीनी चाहते हैं। वह बेवाओं के घरों को हड़प कर लेते हैं और दिखावे के तौर पर लम्बी-लम्बी दुआएं करते हैं। इन लोगों को सब से ज़्यादा सज़ा मिलेगी।”