“हांव सिरफ इनुई चैलै कारिए बिन्ती ना कौरु, पौरौ तिनु कारिए बै बिन्ती कौरु, जू इनकै सौंदेश कै दवारा मुं पांदी बिशवाश कौरदै, कै सैजै सौबै ऐक हौंव, जैशै तू ओए रै पिता मुं दा औसौ, औरौ हांव तांवदा औसौ, तैशैखैई सैजै बै आमु मुंजी हौंव। इथकारिए दुनिया कै लोग बिशवाश कौरौ, कै तुऐंई मुखै भैजै राए।