जद्या पतरस बीन्अ खियो, “ह हनन्या, सेतान न्अ तु थारा मन मं या बात क्युं अण्णाबा दियो की तु पवितर-आत्मा सुं झूंट बोल्अ अर जमी न्अ बेचबा सुं मल्या पिसा मंसुं थोड़साक बचार मेल ले? कांई बेचबा सुं पेली बा थारी कोन छी? अर जद्या तु बीन्अ बेच दियो तो, कांई वे पिसा थारा अधिकार मं कोन्अ छा? तु अस्यानको काम करबा को बच्यार थारा मन म क्युं कर्यो? तु मनखा सुं नही पण परमेसर सुं झूंट बोल्यो छ।” हनन्या जद्या ये सबद सुण्यो तो पछाटो खार पड़र मरग्यो। ज्योबी ईका बारा मं सुण्यो बीक्अ घणाजोर को ड़र बेठग्यो।