ईसु पाच रोटी अर दो मछीनै हात म लिओ अर ईस्बर नगरी कानि देखर परमेसर को धनेवाद कर्यो, अर बिकै पाछै बो रोट्या ली अर रोट्या का टुक-टुक कर चेलानै देतो गयो, जिऊँ बे मिनखानै जिमा सकै अर बा दो मछ्यानै बी बा सगळा म बाट दि। सगळा जणा खार धापगा। बिकै पाछै बी रोट्या अर मछ्याऊँ भरेड़ा बारा चोल्या बचगा।