तब परमेसर ह ओला सपना म कहिस, “हव, में भी जानत हंव कि सुध बिबेक से तेंह ये काम ला करे हस, अऊ एकरसेति मेंह तोला मोर बिरूध म पाप करे बर रोकके रखे हंव। एकरे कारन मेंह तोला ओला छुए नइं देंव। अब ओ मनखे के घरवाली ला लहुंटा दे, काबरकि ओह एक अगमजानी अय, अऊ ओह तोर बर पराथना करही अऊ तें जीयत रहिबे। पर यदि तें ओला नइं लहुंटाबे, त जान ले कि तें अऊ तोर जतेक मनखे हें, ओ सब के सब मर जाहीं।”