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लूका 18:4-5

लूका 18:4-5 HSB

कुछ समय तक तो वह नहीं माना, परंतु बाद में उसने अपने मन में कहा, ‘भले ही मैं परमेश्‍वर से नहीं डरता और न ही किसी मनुष्य की परवाह करता हूँ, फिर भी मैं उसका न्याय चुकाऊँगा क्योंकि यह विधवा मुझे तंग करती रहती है, कहीं ऐसा न हो कि वह आ आकर मेरी नाक में दम कर दे।’ ”