लूका 14:34-35
लूका 14:34-35 HERV
“नमक उत्तम है पर यदि वह अपना स्वाद खो दे तो उसे किसमें डाला जा सकता है। न तो वह मिट्ठी के और न ही खाद की काम में आता है, लोग बस उसे यूँ ही फेंक देते हैं। “जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।”
“नमक उत्तम है पर यदि वह अपना स्वाद खो दे तो उसे किसमें डाला जा सकता है। न तो वह मिट्ठी के और न ही खाद की काम में आता है, लोग बस उसे यूँ ही फेंक देते हैं। “जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।”