तसौ उ घरक् मालिके उठिबानाइ दिहाँर टाकैस् आउँ तोहोराखर्ह्वाइसेहे बाहारक्भरे दिहाँर ढक्ढकातिहि यन्हिं बाजहला, ‘मालिक, दिहाँर उद्रिदेहेना!’ तसौ उ घरक् मालिके भिट्रक्भरे यन्हिं बोलेट्थ्ला, ‘तोहोराखर्ह्वा कुन्खर्हा हाँ आउँ कछिसौ आइल? मुँइ तोहोरालाइ नाँचिन्हम्।’