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मत्ती 9:37-38
देउखरिया थारु
तब् ऊ अपन चेलनहे कलाँ, “जसिके खेट्वामे बहुत्ते अनाज रहत। ओस्तेहेँके बहुत्ते मनै असिन बताँ, जेने परमेश्वरकेमे विश्वास करक लग तयार बताँ। पर परमेश्वरके राजके बारेम बतुइया मनै बहुत कम बताँ। तबेकमारे बालीक प्रभुहे प्राथना करो, ताकि ऊ परमेश्वरके राजके बारेमे बताइक लग आकुर मनैनहे पठादिँत।”
Муқоиса
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मत्ती 9:13
पर जाके यकर मतलब का हो कहिके तुहुरे सीखो: ‘मै बलिदान नै, दया चहथुँ।’ काकरेकी मै ओइन्हे बलाई नै अइनु, जेने अपनहे धर्मी मन्थाँ। पर मै ते पापीनहे बलाई अइनु, ताकि ओइने पाप करना छोरदिँत, और अपन मन बद्लिँत।”
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मत्ती 9:36
पर हुँकार संग रहल भीड़के मनैनहे देख्के हुँकार मन ओइन्के लग सोगागिलिन। काकरेकी ओइने असिन भेँरीनके हस रहिँत, जेनके कौनो भेँरहुवा नै रथिन, और जेने चिन्तित और मद्दत नै भेटाइल रथाँ।
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4
मत्ती 9:12
यी सुनके येशू ओइन्हे जवाफ देलाँ, “निरोगीनहे वैदक जरुरी नै पर्थिन। पर रोगीनहे वैदक जरुरी पर्थिन।
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5
मत्ती 9:35
तब येशू और हुँकार चेलनके गालील प्रदेशके शहर और नगर सोज नेंग्ती रलाँ। यहूदिनके बैठक भवनमे शिक्षा देती, परमेश्वरके राजके खुशीक खबर प्रचार कर्ती और मनैनके सक्कु मेरिक रोग और शारीरिक कमजोरी चोख्वैती रलाँ।
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