मत्ती 3

3
संत्त-यूहन्ना नहाँण-नहाँणों वाल़ा
(मरकुस 1:1-8; लूका 3:1-18; यूहन्ना 1:6-8,15-34)
1तेसी बख्त्ते संत्त-यूहन्ना नहाँण-नहाँणों वाल़ा आऐयों यहूदिया के जाँगल़ों दा ऐजा प्रचार करदा लागा: 2“मंन बद्ल़ो, किन्देखे के स्वर्गो को राज नंजीक आऐ रूओ।” 3से सेजा ही असो, जिनके बारे दा ऋषी-यशायाह ऐ आप्णीं कताबी दो बुली थो: के “जाँगल़ों दा ऐक धुवाँणों वाल़े की धाव शुणींई रंई, के प्रभू की बाट तियार करह्। तिनकी शड़की सिधी करह्।”
4संत्त-यूहन्ना ऊँटो की ऊँनों के खोट्णों बाँम्बो थिया, अरह् आप्णी कमरी दी चाँम्बड़ें की लोंत्री लई गाच़ी बाँनियों रंह थिया, अरह् तेस्का भोजन खोखराँनों के कषै अरह् जाँग्ल़ी मोंह् खाँव थिया। 5यरूशलेम नंगर अरह् बादे यहूदिया प्रदेश, अरह् यरदन नंदी के नंजीक के बादे ईलाके शे उडे-पुडे शे बेशुमाँर बेजाऐ लोग तेसी कैई आँदें लागे। 6तिन्ऐ आप्णे-आप्णें पाप माँनियों, संत्त-यूहन्ना के हाथे यरदन नंदी दो नहाँण-नहाँव।
7जबे तेने बेजाऐ यहूदी भाट-बाँम्ण, अरह् सदुकियों लोग, नहाँण नहाँदे आपु कैई आँदें दे:खे, तअ तेने तिनू दे:खियों तिन्खे बुलो, “ओ शंगाव के नहाँन्ड़िया, तुँओं कैई शो कुँणें चित्ते कराव के आँणों वाल़े के रोष शे भागो? 8तुँओं ईयों बातो का किऐं सबुत देणा पड़ला के तुँऐं संत्तिखे आप्णा मंन बद्ल़ी थुवा; 9अरह् आप्णे-आप्णे सासो दो ऐजो ने सुंचे, के अमाँरा बाबा अब्राहम असो; किन्देंखे के हाँव तुँओं खे बुलू, के पंणमिश्वर ईनू पाथरो शी अब्राहम खे अलाद पय्दा करी सको। 10ऐबे कुँराड़ा झ़ैठो गाशी ही असो; अरह् जुण्जा-जुण्जा डाल़ आछा फल़ ने देंदा, तेसी काटी देईदा, अरह् आगी दा फूकी देईदा।”
11“हाँव तअ पाँणी लई तुवाँरे मंन बद्ल़्णों खे नहाँण-नूहाँऊ, परह् जू मुँह पाछी आँणों वाल़ा असो, से मुँह शा शक्त्तिमाँन असो; हाँव तेस्के जूत्ते के त्तंष्में खुल्णों ज़ुगा भे आथी ने। से तुवाँरो पबित्र-आत्त्मा अरह् आगी लई नहाँण कराँदा। 12तिनको शूपो तिनके हाथो दो असो, अरह् से आप्णा खह्ल़ा खह्ल़ियाँन सुवों पुणीं-कारोऐयों साफ कर्दें, अरह् आप्णें गींऊँ कुठारी दे कठे कर्दें, परह् भुस तियों आगी दो जल़ादें जू हिष्णों वाल़ी ने आथी।”
संत्त-यूहन्ना के हाथे प्रभू यीशू को नहाँण
(मरकुस 1:9-11; लूका 3:21,22; यूहन्ना 1:31-34)
13तेसी बख्ते प्रभू यीशू गलील शे यरदन नंदी की टिराँव्टी गाशी संत्त-यूहन्ना कैई शो आप्णों नहाँण नहाँदे आऐ। 14परह् संत्त-यूहन्ना ऐजो बुलियों तिनू रूक्दे लागे, के “मुँह तअ आपु भे तुवाँरे हाथे नहाँण-नहाँणों की जरूरत असो। अरह् कियों तुँऐं मुँह कैई आप्णें नहाँण-नहाँदें आऐ रूऐ?” 15प्रभू यीशू ऐ तेस्खे ऐजा जबाब दिता, “ऐबे तअ ऐष्णों ही हणों दे, किन्देखे के आँमों खे पंणमिश्वर के धार्मिक्त्ता ईन्दी ही पुरी हों, आँमों खे ऐष्णों कर्णो ही ठीक असो।” तबे संत्त-यूहन्ना ऐ प्रभू यीशू की बात माँनी पाऐ। 16नहाँण-नहाँणों पाछ़ी जेई प्रभू यीशू पाँणीं मुँझ्शे बाँईडे आऐ, तेई तिन्खे स्वर्ग खुली गुवों, अरह् संत्त-यूहन्ना ऐ पंणमिश्वर की आत्त्मा कबुतर जेष्णी ऊतर दे अरह् प्रभू यीशू गाशी ठहर्दे दे:खी। 17तेसी बख्त्ते स्वर्गो शी ऐजी अगाष बरंम्बाणीं हऐ, “ऐजा मेरा बैटा असो, जेसी मेरे प्यारा असो, जेस्शा हाँव खुशी असो।”

ప్రస్తుతం ఎంపిక చేయబడింది:

मत्ती 3: sri

హైలైట్

షేర్ చేయి

కాపీ

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in

YouVersion uses cookies to personalize your experience. By using our website, you accept our use of cookies as described in our Privacy Policy