1
यूहन्ना 1:12
किताब-ए मुक़द्दस
तो भी कुछ उसे क़बूल करके उसके नाम पर ईमान लाए। उन्हें उसने अल्लाह के फ़रज़ंद बनने का हक़ बख़्श दिया
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यूहन्ना 1:1
इब्तिदा में कलाम था। कलाम अल्लाह के साथ था और कलाम अल्लाह था।
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यूहन्ना 1:5
यह नूर तारीकी में चमकता है, और तारीकी ने उस पर क़ाबू न पाया।
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4
यूहन्ना 1:14
कलाम इनसान बनकर हमारे दरमियान रिहाइशपज़ीर हुआ और हमने उसके जलाल का मुशाहदा किया। वह फ़ज़ल और सच्चाई से मामूर था और उसका जलाल बाप के इकलौते फ़रज़ंद का-सा था।
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5
यूहन्ना 1:3-4
सब कुछ कलाम के वसीले से पैदा हुआ। मख़लूक़ात की एक भी चीज़ उसके बग़ैर पैदा नहीं हुई। उसमें ज़िंदगी थी, और यह ज़िंदगी इनसानों का नूर थी।
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6
यूहन्ना 1:29
अगले दिन यहया ने ईसा को अपने पास आते देखा। उसने कहा, “देखो, यह अल्लाह का लेला है जो दुनिया का गुनाह उठा ले जाता है।
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7
यूहन्ना 1:10-11
गो कलाम दुनिया में था और दुनिया उसके वसीले से पैदा हुई तो भी दुनिया ने उसे न पहचाना। वह उसमें आया जो उसका अपना था, लेकिन उसके अपनों ने उसे क़बूल न किया।
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8
यूहन्ना 1:9
हक़ीक़ी नूर जो हर शख़्स को रौशन करता है दुनिया में आने को था।
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यूहन्ना 1:17
क्योंकि शरीअत मूसा की मारिफ़त दी गई, लेकिन अल्लाह का फ़ज़ल और सच्चाई ईसा मसीह के वसीले से क़ायम हुई।
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