अल्लाह तुझे आसमान की ओस और ज़मीन की ज़रख़ेज़ी दे। वह तुझे कसरत का अनाज और अंगूर का रस दे। क़ौमें तेरी ख़िदमत करें, और उम्मतें तेरे सामने झुक जाएँ। अपने भाइयों का हुक्मरान बन, और तेरी माँ की औलाद तेरे सामने घुटने टेके। जो तुझ पर लानत करे वह ख़ुद लानती हो और जो तुझे बरकत दे वह ख़ुद बरकत पाए।”