पय तोंहरे बीच माहीं अइसा न होंइ चाही, बलकिन जे कोऊ तोंहरे म से बड़ा बनँइ चाहत हय, त उआ तोंहार सगलेन के सेबा करँइ बाला बनय। अउर जे कोऊ तोंहरे म से मुखिया बनँइ चाहत हय, त उआ पहिले तोंहार पंचन के दास बनय; जइसन कि मनई के लड़िका एसे नहीं आबा, कि ओखर सेबा कीन जाय, बलकिन एसे आबा हय, कि खुदय दुसरेन के सेबा करय, अउर उआ खुब मनइन काहीं मुक्ती देंइ के खातिर आपन प्रान देय।”