इआ बात काहीं सुनिके यीसु एकठे छोट क लड़िका काहीं अपने लघे बोलाइके, उनखे बीच माहीं ठाढ़ किहिन, अउर कहिन, कि “हम तोंहसे सही कहित हएन, कि अगर तूँ पंचे अपने सुभाव काहीं न बदलिहा, अउर छोट-छोट लड़िकन कि नाईं भोले-भाले न बनिहा, त तूँ पंचे स्वरगराज माहीं कबहूँ न जाए पइहा।