शास्त्रीयो छे चोकचौळीया रया, जीनको नाम्बा चोगला पेहर्या हुया पुगनेन वारला लागता छे, आरू जीने बजारमा नमस्कार आरू आराधना घरो मुखी आसन आरू भोज मा मुखी स्थान मोंगावु लागता छे। वो रंडायली क घर खाये जाता छे आरू ओको गैर फायदा लेता छे आरू देखाने क करता मोटी–मोटी प्रार्थना करता रयता छे: यो घोणा ही दण्ड जोड़से।