परेरीत 14:15

परेरीत 14:15 SGJ

“ए मईनसे मन, तुमन का करथा? हमू मन तो तुमन सहींक दुख-सूख भोगोईया मईनसे लागन। इहां तुमन ला सुघर खभेर सुनाए बर हमरे आए हवन, तुमन ए बेकार चीज मन ला छोंएड़ के, जीयत परमेस्वर कती फिरा, जेहर सरग अऊ धरती अऊ समूंदर अऊ जे चीज ओमे हवे, ओ सबेच ला बनाईस हवे।