यहून्ना पैछान

पैछान
या यहुन्ना ने लिखी हइ सुसमाचार कि किताब नवा नीयम कि चार सुसमाचार कि किताब मे से एक हइ, जो यीशु को जिवन को वर्णन करस हइ, यीशु मसीह का मरना का बाद, मत्ती, मरकुस, लूका अरु यहुन्ना से या किताब लिखी गइ, या हर एक किताब को सुसमाचार कि किताब बोलस हइ, मसीह का जन्म का बाद 90 साल का आस पास यो सुसमाचार प्रेरितहोन ने लिख्यो हइ, या किताब मे असो लिख्यो नी कि 1 यहून्ना 2 यहुन्ना अरु 3 यहुन्ना कि लिखना से मेल खास हइ, उन दिन यहुन्ना इफिसुस मे लिखी गइ असा कुछ बुजरुकहोन लिखनो मानस हइ.
यहुन्ना या किताब को उद्देश साफ करस हइ कि इन्सानहोन का लिये यीशु ही मसीह हइ अरु परमेश्वर को बेटो हइ या बात पर विश्वास मीलस हइ, ओका पर विश्वास करणा से ओका नाम से हम खे जिवन मीली सकस, या किताब यहूदीया अरु गैरयहूदीया का लिये लिखी गइ हइ, यहुन्ना को सुसमाचार मे तीन बातहोन सुसमाचार से बातहोन अलग हइ, यीशु मसीह का कर्या हुया चमत्कर पर यहुन्ना ध्यान करस हइ, अरु ओका बारे मे जादा नी लिख्यो गयो, यीशु को बपतिस्मो अरु सुनसान जगा मे परिक्षा कि असी घटनाहोन को यो सुसमाचार मे लिख्यो नी गयो हइ. 20:31
रुप रेखा
1. यहुन्ना सुसमाचार की सुरुवात करस हइ 1:1-18
2. बाद मे उ चमत्कार होन का बारे मे लिखस हइ जो यीशु ने कर्यो 1:19—12:50
3. उ यीशु का जिवन को वर्णन करस हइ जो ओखो मरनो अरु पुनरुत्थान का पास ली जास हइ की जन सेवा 13:1—20:31
4. यहुन्ना का अध्याय मे सुसमाचार खत्म करस हइ जोमे यीशु मरना से जिन्दो हुइ, इन्सानहोन खे दिखैइ देस हइ अरु आखरी दिन मे अपनी किताब लिखना को उद्देश बताता हुये खत्म करस हइ. 21

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