मत्ती 12:34
मत्ती 12:34 BAG
हे साँप के बच्चन कि नाईं बुरे मनइव, तूँ पंचे बुरे होइके कइसन निकही बात कहि सकते हया? काहेकि जउन मन माहीं भरा हय, उहय मुँहे से निकरत हय।
हे साँप के बच्चन कि नाईं बुरे मनइव, तूँ पंचे बुरे होइके कइसन निकही बात कहि सकते हया? काहेकि जउन मन माहीं भरा हय, उहय मुँहे से निकरत हय।