यूहन्ना 11
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लाजर को मरनो
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लूका १०:३८,३९ मरियम अऊर ओकी बहिन मार्था को गांव बैतनिय्याह को लाजर नाम को एक आदमी बीमार होतो। 2#यूहन्ना १२:३या वा मरियम होती जेन प्रभु पर अत्तर डाल क ओको पाय ख अपनो बालों सी पोछ्यो होतो, येको भाऊ लाजर बीमार होतो। 3येकोलायी ओकी बहिनों न ओख कहला भेज्यो, “हे प्रभु, देख, जेक तय बहुत प्रेम करय हय, ऊ बीमार हय।”
4यो सुन्क यीशु न कह्यो, “या बीमारी मृत्यु की नोहोय; पर परमेश्वर की महिमा लायी आय, कि ओको द्वारा परमेश्वर को बेटा की महिमा हो।”
5यीशु मार्था अऊर ओकी बहिन अऊर लाजर सी प्रेम रखत होतो। 6तब भी जब ओन सुन्यो कि ऊ बीमार हय, त जो जागा पर ऊ होतो, उत दोय दिन अऊर रुक गयो। 7येको बाद ओन चेलावों सी कह्यो, “आवो, हम फिर यहूदिया ख चलबो।”
8चेलावों न ओको सी कह्यो, “हे गुरु, अभी त यहूदी तोरो पर पथराव करनो चाहत होतो, अऊर का तय फिर भी उतच जावय हय?”
9यीशु न उत्तर दियो, “का दिन को बारा घंटा नहीं होवय? यदि कोयी दिन म चलय त ठोकर नहीं खावय, कहालीकि यो जगत को प्रकाश देखय हय। 10पर यदि कोयी रात म चलय त ठोकर खावय हय, कहालीकि ओको म प्रकाश नहाय।” 11ओन यो बाते कहीं, अऊर येको बाद उन्को सी कहन लग्यो, “हमरो संगी लाजर सोय गयो हय, पर मय ओख जगावन जाऊं हय।”
12तब चेलावों न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, यदि ऊ सोय गयो हय, त चंगो होय जायेंन।”
13यीशु न त ओको मरन को बारे म कह्यो होतो, पर हि समझ्यो कि ओन नींद सी सोय जान को बारे म कह्यो। 14तब यीशु न उन्को सी साफ साफ कह्य दियो, “लाजर मर गयो हय; 15अऊर मय तुम्हरो वजह खुश हय कि मय उत नहीं होतो जेकोसी तुम विश्वास करो। पर अब आवो, हम ओको जवर चलबो।”
16तब थोमा न जो दिदुमुस कहलावय हय, अपनो संगी चेलावों सी कह्यो, “आवो, हम भी ओको संग मरन ख चलबो।”
यीशु को पुनरुत्थान अऊर जीवन
17उत पहुंचन पर यीशु ख यो मालूम भयो कि लाजर ख कब्र म रख्यो चार दिन भय गयो हंय। 18बैतनिय्याह गांव यरूशलेम नगर को जवर लगभग कुछ तीन किलोमीटर दूर होतो। 19बहुत सो यहूदी मार्था अऊर मरियम को जवर उन्को भाऊ को मरन पर शान्ति देन लायी आयो होतो।
20जब मार्था न यीशु को आवन को समाचार सुन्यो त ओको सी मुलाखात करन क गयी, पर मरियम घर परच रही। 21मार्था न यीशु सी कह्यो, “हे प्रभु, यदि तय इत होतो, त मोरो भाऊ कभीच नहीं मरतो। 22अऊर अब भी मय जानु हय कि जो कुछ तय परमेश्वर सी मांगजो, परमेश्वर तोख देयेंन।”
23यीशु न ओको सी कह्यो, “तोरो भाऊ फिर जीन्दो होयेंन।”
24मार्था न ओको सी कह्यो, “मय जानु हय कि आखरी दिन म पुनरुत्थान को समय ऊ जीन्दो होयेंन।”
25यीशु न ओको सी कह्यो, “पुनरुत्थान अऊर जीवन मयच आय; जो कोयी मोरो पर विश्वास करय हय ऊ यदि मर भी जाय तब भी जीयेंन, 26अऊर जो कोयी जीन्दो हय अऊर मोर पर विश्वास करय हय, ऊ अनन्त काल तक नहीं मरेंन। का तय या बात पर विश्वास करय हय?”
27ओन ओको सी कह्यो, “हव हे प्रभु, मय विश्वास करू हय कि परमेश्वर को बेटा मसीह जो जगत म आवन वालो होतो, ऊ तयच आय।”
यीशु रोयो
28यो कह्य क वा चली गयी, अऊर अपनी बहिन मरियम ख बुलाय क चुपचाप सी कह्यो, “गुरु इतच हय अऊर तोख बुलावय हय।” 29यो सुनतोच ऊ तुरतच उठ क् ओको जवर आयी। 30यीशु अभी गांव म नहीं पहुंच्यो होतो पर वाच जागा म होतो जित मार्था न ओको सी मुलाखात करी होती। 31तब जो यहूदी ओको संग घर म होतो अऊर ओख शान्ति दे रह्यो होतो, यो देख क कि मरियम तुरतच उठ क् बाहेर गयी हय यो समझ्यो कि वा कब्र पर रोवन ख जाय रही हय, त हि ओको पीछू गयो।
32जब मरियम उत पहुंची जित यीशु होतो, त ओख देखतोच ओको पाय पर गिर क कह्यो, “हे प्रभु, यदि तय इत होतो त मोरो भाऊ नहीं मरतो।”
33जब यीशु न ओख अऊर उन यहूदियों ख जो ओको संग आयो होतो, रोवतो हुयो देख्यो, त आत्मा म बहुतच उदास अऊर व्याकुल भयो।
34अऊर कह्यो, “तुम्न ओख कित रख्यो हय?” उन्न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, चल क देख ले।”
35यीशु रोयो। 36तब यहूदी कहन लग्यो, “देखो, ऊ ओको सी कितनो प्रेम रखत होतो।”
37पर उन्म सी कुछ न कह्यो, “का यो जेन अन्धा की आंखी खोल्यो, यो भी नहीं कर सक्यो कि यो आदमी नहीं मरतो।”
लाजर को जीन्दो करयो जानो
38यीशु मन म बहुतच उदास होय क कब्र पर आयो। ऊ एक गुफा होती अऊर एक गोटा ओको पर रख्यो होतो। 39यीशु न कह्यो, “गोटा हटाव।”
वा मरयो हुयो की बहिन मार्था ओको सी कहन लगी, “हे प्रभु, ओको म सी अब त बास आवय हय, कहालीकि ओख मरयो चार दिन भय गयो हंय।”
40यीशु न ओको सी कह्यो, “का मय न तोरो सी नहीं कह्यो होतो कि यदि तय विश्वास करजो, त परमेश्वर की महिमा ख देखेंन।” 41तब उन्न ऊ गोटा ख हटायो। यीशु न आंखी उठाय क कह्यो, “हे पिता, मय तोरो धन्यवाद करू हय कि तय न मोरी सुन ली हय। 42मय जानत होतो कि तय हमेशा मोरी सुनय हय, पर जो भीड़ आजु बाजू खड़ी हय, उन्को वजह मय न यो कह्यो, जेकोसी कि हि विश्वास करेंन कि तय न मोख भेज्यो हय।” 43यो कह्य क ओन बड़ो आवाज सी पुकारयो, “हे लाजर, निकल आव!” 44जो मर गयो होतो ऊ कफन सी हाथ पाय बन्ध्यो हुयो निकल आयो, अऊर ओको मुंह गमछा सी लिपट्यो हुयो होतो। यीशु न उन्को सी कह्यो, “ओख खोल दे अऊर जान दे।”
यीशु को विरुद्ध साजीश
(मत्ती २६:१-५; मरकुस १४:१,२; लूका २२:१,२)
45तब जो यहूदी मरियम को जवर आयो होतो अऊर ओको यो काम देख्यो होतो, उन्म सी बहुत सो न ओको पर विश्वास करयो। 46पर उन्म सी कुछ न फरीसियों को जवर जाय क यीशु को काम को समाचार दियो। 47येको पर मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न महासभा बुलायो, अऊर कह्यो, “हम का करजे हंय? यो आदमी त बहुत आश्चर्य को चिन्ह दिखावय हय 48यदि हम ओख असोच रहन दियो, त हर कोयी ओको पर विश्वास करेंन, अऊर यो तरह रोमी लोग यहां आय जायेंन अऊर हमरो मन्दिर अऊर राष्ट्र ख नाश कर देयेंन।”
49तब उन्म सी कैफा नाम को एक आदमी न जो ऊ साल को महायाजक होतो, उन्को सी कह्यो, “तुम कुछ भी नहीं जानय; 50अऊर नहीं यो समझय हय कि तुम्हरो लायी यो अच्छो हय कि हमरो लोगों लायी एक आदमी मरे, अऊर पूरी जाति नाश नहीं होय।” 51या बात ओन अपनो तरफ सी नहीं कहीं, पर ऊ साल को महायाजक होय क भविष्यवानी करी, कि यीशु यहूदी लोगों लायी मरेंन; 52अऊर नहीं केवल ऊ जाति लायी, बल्की येकोलायी भी कि परमेश्वर की तितर–बितर सन्तानों ख एक कर दे।
53येकोलायी उच दिन सी हि ओख मार डालन को साजीश रचन लग्यो। 54येकोलायी यीशु ऊ समय सी यहूदियों म प्रगट होय क नहीं फिरयो, पर उत सी जंगल को जवर को प्रदेश को इफ्राईम नाम को एक नगर ख चली गयो; अऊर अपनो चेलावों को संग उतच रहन लग्यो।
55यहूदियों को फसह को त्यौहार जवर होतो, अऊर बहुत सो लोग फसह सी पहिले गांव सी यरूशलेम ख गयो कि अपनो खुद ख शुद्ध करे। 56येकोलायी हि यीशु ख ढूंढन लग्यो अऊर मन्दिर म खड़ो होय क आपस म कहन लग्यो, “तुम का सोचय हय? का ऊ पर्व म नहीं आयेंन?” 57मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न या आज्ञा दे रख्यो होतो कि यदि कोयी यो जानेंन कि यीशु कित हय त बताव, ताकि हि ओख पकड़ सकेंन।
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