“अर धन्य हो थे क्यूंकै मेरै खातर लोग थारी बेजती करै, दुख दैय अर थारै पर झूठो दोस लगावै है। सुरग में थारै खातर एक मोटो फळ है। थे बिं खातर भोत आनंद मनाइयो अर मन में राजी होईयो। क्यूंकै जिंया अब थानै लोग तंग करै है बिंयाई पेलां परमेसर गी बात बताण आळा नै बी तंग करया हा।”