1
मत्ती 5:15-16
jivən səndesh
लोक डिबिया लेसि कऽ पथिया सँ नहि झँपैत अछि, बल्कि लाबनि पर रखैत अछि, और ओ डिबिया घर मे सभक लेल प्रकाश दैत छैक। एहि तरहेँ अहूँ सभ अपन प्रकाश लोकक बीच चमकाउ, जाहि सँ लोक अहाँ सभक नीक काज देखि कऽ, अहाँक पिताक, जे स्वर्ग मे छथि, तिनकर स्तुति करनि।
Usporedi
Istraži मत्ती 5:15-16
2
मत्ती 5:14
“अहाँ सभ संसारक प्रकाश छी। पहाड़ परक नगर नुकायल नहि रहि सकैत अछि।
Istraži मत्ती 5:14
3
मत्ती 5:8
धन्य अछि ओ सभ जकर हृदय शुद्ध छैक, किएक तँ ओ सभ परमेश्वर केँ देखत।
Istraži मत्ती 5:8
4
मत्ती 5:6
धन्य अछि ओ सभ जे धार्मिकताक भूखल-पियासल अछि, किएक तँ ओ सभ तृप्त कयल जायत।
Istraži मत्ती 5:6
5
मत्ती 5:44
मुदा हम अहाँ सभ केँ कहैत छी, अपना शत्रु सभ सँ प्रेम करू आ अहाँ केँ जे सभ सतबैत अछि तकरा सभक लेल प्रभु सँ प्रार्थना करू।
Istraži मत्ती 5:44
6
मत्ती 5:3
“धन्य अछि ओ सभ जे अपना केँ आत्मिक रूप सँ असहाय बुझैत अछि, किएक तँ स्वर्गक राज्य ओकरे सभक छैक।
Istraži मत्ती 5:3
7
मत्ती 5:9
धन्य अछि ओ सभ जे मेल-मिलाप करबैत अछि, किएक तँ ओ सभ परमेश्वरक पुत्र कहाओत।
Istraži मत्ती 5:9
8
मत्ती 5:4
धन्य अछि ओ सभ जे शोक करैत अछि, किएक तँ ओ सभ सान्त्वना पाओत।
Istraži मत्ती 5:4
9
मत्ती 5:10
धन्य अछि ओ सभ जे धार्मिक रहबाक कारणेँ सताओल जाइत अछि, किएक तँ स्वर्गक राज्य ओकरे सभक छैक।
Istraži मत्ती 5:10
10
मत्ती 5:7
धन्य अछि ओ सभ जे दयावान अछि, किएक तँ ओकरा सभ पर दया कयल जयतैक।
Istraži मत्ती 5:7
11
मत्ती 5:11-12
“धन्य छी अहाँ सभ, जखन लोक सभ हमरा कारणेँ अहाँ सभ केँ अपमानित करत, सताओत और झूठ बाजि-बाजि कऽ अहाँ सभक विरोध मे लोक केँ सभ तरहक अधलाह बात कहतैक। तखन खुशी होउ और आनन्द मनाउ, किएक तँ अहाँ सभक लेल स्वर्ग मे बड़का इनाम राखल अछि। एही तरहेँ लोक परमेश्वरक ओहि प्रवक्ता सभ केँ सेहो सतौने छलनि, जे सभ अहाँ सभ सँ पहिने प्राचीन समय मे छलाह।
Istraži मत्ती 5:11-12
12
मत्ती 5:5
धन्य अछि ओ सभ जे नम्र अछि, किएक तँ ओ सभ पृथ्वीक उत्तराधिकारी होयत।
Istraži मत्ती 5:5
13
मत्ती 5:13
“अहाँ सभ पृथ्वीक नून छी। मुदा जँ नून मे नूनक स्वाद समाप्त भऽ जाइक तँ ओ कोन वस्तु सँ फेर नूनगर बनाओल जा सकत? ओकरा फेकि देल जाय, आ लोक ओकरा पयर सँ धाँगय, से छोड़ि ओ दोसर कोन काजक रहि जायत?
Istraži मत्ती 5:13
14
मत्ती 5:48
तेँ अहाँ सभ सिद्ध बनू जेना स्वर्ग मे रहऽ वला अहाँ सभक पिता परमेश्वर सिद्ध छथि।
Istraži मत्ती 5:48
15
मत्ती 5:37
अहाँ सभ जखन ‘हँ’ कहऽ चाहैत छी, तँ बस, ‘हँ’ए कहू, जखन ‘नहि’ कहऽ चाहैत छी, तँ ‘नहि’ए कहू। एहि सँ बेसी जे किछु बजैत छी से शैतान सँ प्रेरित बात अछि।
Istraži मत्ती 5:37
16
मत्ती 5:38-39
“अहाँ सभ सुनने छी जे एना कहल गेल छल, ‘केओ जँ ककरो आँखि फोड़य तँ ओकरो आँखि फोड़ल जाय, आ केओ जँ ककरो दाँत तोड़य तँ ओकरो दाँत तोड़ल जाय।’ मुदा हम अहाँ सभ केँ कहैत छी, जँ कोनो दुष्ट लोक अहाँ केँ किछु करओ, तँ ओकर विरोध नहि करू। केओ जँ अहाँक दहिना गाल पर थप्पड़ मारय तँ ओकरा सामने दोसरो गाल कऽ दिऔक।
Istraži मत्ती 5:38-39
17
मत्ती 5:29-30
जँ अहाँक दहिना आँखि अहाँ केँ पाप मे फँसबैत अछि तँ ओकरा निकालि कऽ फेकि दिअ। अहाँक शरीरक एके अंग नष्ट भऽ जाओ, से अहाँक लेल एहि सँ नीक होयत जे सम्पूर्ण शरीर नरक मे फेकि देल जाय। जँ अहाँक दहिना हाथ अहाँ केँ पाप मे फँसबैत अछि तँ ओकरा काटि कऽ फेकि दिअ। अहाँक शरीरक एके अंग नष्ट भऽ जाओ, से अहाँक लेल एहि सँ नीक होयत जे सम्पूर्ण शरीर नरक मे फेकि देल जाय।
Istraži मत्ती 5:29-30
Početna
Biblija
Planovi
Filmići