यीशु
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प्रभु यीशु मसीह के जीवन पर बना वृत्तचित्र, "यीशु" फ़िल्म, १९७९ में दिखाया गया और तब से लेकर अब तक १४०० भाषों में अनुवाद की जा चुकी है। यह इतिहास में सबसे ज़्यादा बार देखी जाने वाली और सबसे ज़्यादा भाषाओँ में अनुवाद की जाने वाली फिल्म है। पास्टर रिक्क वॉरेन, "पर्पस ड्रिवेन लाइफ़"/'उद्देश्य संचालित जीवन' के लेख़क कहतें हैं, " 'यीशु' फिल्म अभी तक का सबसे असरदार सुसमाचार प्रचार करने का उपकरण/साधन है" बाइबिल की यथार्थता और ऐतिहासिक बातों की पुष्टि करने के लिए, ४५० से अधिक धार्मिक अगुओं, गुरुओं और विद्वानों ने इसके कथानक/आलेख की जांच की है। आलेख लगभग-लगभग लूका रचित सुसमाचार पर आधारित है, इसलिए यीशु द्वारा बोले गए प्रत्येक वचन बाइबिल में से ही है। २००० वर्ष पूर्व, यहूदी और रोमी संस्कृति को दर्शाने के लिए काफी कठिन प्रयत्न किये गए हैं, जिनमें: हाथ से बुने कपडे हैं जिसमें, उस समय केवल ३५ रंगों का ही उपयोग किया जाता था, प्रथम-शताब्दी के तरीकों से बनाये जाने वाले मिट्टी के बर्तन, और भूदृश्य/स्थल-दृश्य से आधुनिक समय के टेलीफोन के खम्बों और बिजली की तारों को उखाड़ना/हटाना शामिल है। १९७९ में, इज़राइल के सभी २०२ स्थानों पर फिल्माई, इस फिल्म 'यीशु', में ५००० से अधिक इज़रायली और अरबी कलाकारों ने अभिनय किया। २००० वर्ष पूर्व, जो दृश्य जिस स्थान में घटित हुए थे, उन्हें अवसर मिलने पर वैसे ही फिल्माया गया है।