भजन संहिता 51:1-6

भजन संहिता 51:1-6 - हे परमेश्‍वर, अपनी करुणा के अनुसार
मुझ पर अनुग्रह कर;
अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों
को मिटा दे।
मुझे भली भाँति धोकर मेरा अधर्म दूर कर,
और मेरा पाप छुड़ाकर मुझे शुद्ध कर!
मैं तो अपने अपराधों को जानता हूँ,
और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्‍टि में रहता है।
मैं ने केवल तेरे ही विरुद्ध पाप किया,
और जो तेरी दृष्‍टि में बुरा है, वही किया है;
ताकि तू बोलने में धर्मी
और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ,
और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ
में पड़ा।
देख, तू हृदय की सच्‍चाई से प्रसन्न होता है;
और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।