भजन संहिता 34:17-22
धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है। यहोवा टूटे मनवालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है। धर्मी पर बहुत सी विपत्तियाँ पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सबसे मुक्त करता है। वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उनमें से एक भी टूटने नहीं पाती। दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा; और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे। यहोवा अपने दासों का प्राण मोल लेकर बचा लेता है; और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा।
भजन संहिता 34:17-22