भजन संहिता 27:4-5
![भजन संहिता 27:4-5 - एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न
में लगा रहूँगा;
कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में
रहने पाऊँ,
जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि
लगाए रहूँ,
और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ।
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने
मण्डप में छिपा रखेगा;
अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे
छिपा लेगा,
और चट्टान पर चढ़ाएगा।](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fimageproxy.youversionapi.com%2F320x320%2Fhttps%3A%2F%2Fs3.amazonaws.com%2Fstatic-youversionapi-com%2Fimages%2Fbase%2F82503%2F1280x1280.jpg&w=640&q=75)
एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ। क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
भजन संहिता 27:4-5