भजन संहिता 27:1-6
![भजन संहिता 27:1-6 - यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और
मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूँ?
यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है,
मैं किस का भय खाऊँ?
जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी
से बैर रखते थे,
मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की,
तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले,
तौभी मैं न डरूँगा;
चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए,
उस दशा में भी मैं हियाव बाँधे निश्चिंत
रहूँगा।
एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न
में लगा रहूँगा;
कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में
रहने पाऊँ,
जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि
लगाए रहूँ,
और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ।
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने
मण्डप में छिपा रखेगा;
अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे
छिपा लेगा,
और चट्टान पर चढ़ाएगा।
अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से
ऊँचा होगा;
और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के
साथ बलिदान चढ़ाऊँगा;
और उसका भजन गाऊँगा।](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fimageproxy.youversionapi.com%2F320x320%2Fhttps%3A%2F%2Fs3.amazonaws.com%2Fstatic-youversionapi-com%2Fimages%2Fbase%2F64643%2F1280x1280.jpg&w=640&q=75)
यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूँ? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊँ? जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े। चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूँगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बाँधे निश्चिंत रहूँगा। एक वर मैं ने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊँ, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूँ। क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्तस्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊँचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊँगा; और उसका भजन गाऊँगा।
भजन संहिता 27:1-6