भजन संहिता 18:1-6
![भजन संहिता 18:1-6 - हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम
करता हूँ।
यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा
छुड़ानेवाला है;
मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं
शरणागत हूँ,
वह मेरी ढाल और मेरी मुक्ति का सींग,
और मेरा ऊँचा गढ़ है।
मैं यहोवा को, जो स्तुति के योग्य है, पुकारूँगा;
इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा।
मृत्यु की रस्सियों से मैं चारों ओर घिर
गया हूँ,
और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत
कर दिया;
पाताल की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं,
और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर
को पुकारा;
मैं ने अपने परमेश्वर की दोहाई दी;
और उसने अपने मन्दिर में से मेरी
बातें सुनी;
और मेरी दोहाई उसके पास पहुँचकर
उसके कानों में पड़ी।](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fimageproxy.youversionapi.com%2F320x320%2Fhttps%3A%2F%2Fs3.amazonaws.com%2Fstatic-youversionapi-com%2Fimages%2Fbase%2F70948%2F1280x1280.jpg&w=640&q=75)
हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूँ। यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूँ, वह मेरी ढाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। मैं यहोवा को, जो स्तुति के योग्य है, पुकारूँगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। मृत्यु की रस्सियों से मैं चारों ओर घिर गया हूँ, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया; पाताल की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे। अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर की दोहाई दी; और उसने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी; और मेरी दोहाई उसके पास पहुँचकर उसके कानों में पड़ी।
भजन संहिता 18:1-6