भजन संहिता 139:13-15
![भजन संहिता 139:13-15 - मेरे मन का स्वामी तो तू है;
तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।
मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिये कि मैं
भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ।
तेरे काम तो आश्चर्य के हैं,
और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ।
जब मैं गुप्त में बनाया जाता,
और पृथ्वी के नीचे स्थानों में
रचा जाता था,
तब मेरी हड्डियाँ तुझ से छिपी न थीं।](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fimageproxy.youversionapi.com%2F320x320%2Fhttps%3A%2F%2Fs3.amazonaws.com%2Fstatic-youversionapi-com%2Fimages%2Fbase%2F69358%2F1280x1280.jpg&w=640&q=75)
मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ। जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हड्डियाँ तुझ से छिपी न थीं।
भजन संहिता 139:13-15