लूका 16:10-15
जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है : और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है। इसलिये जब तुम अधर्म के धन में सच्चे न ठहरे, तो सच्चा धन तुम्हें कौन सौंपेगा? और यदि तुम पराये धन में सच्चे न ठहरे तो जो तुम्हारा है, उसे तुम्हें कौन देगा? “कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता : क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा। तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” फरीसी जो लोभी थे, ये सब बातें सुनकर उसे ठट्ठों में उड़ाने लगे। उसने उनसे कहा, “तुम तो मनुष्यों के सामने अपने आप को धर्मी ठहराते हो, परन्तु परमेश्वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान् है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है।
लूका 16:10-15