यूहन्ना 14:25-31

यूहन्ना 14:25-31 - “ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं। परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता : तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे। तुम ने सुना कि मैं ने तुम से कहा, ‘मैं जाता हूँ, और तुम्हारे पास फिर आऊँगा।’ यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्दित होते कि मैं पिता के पास जाता हूँ, क्योंकि पिता मुझ से बड़ा है। और मैं ने अब इसके होने से पहले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम विश्‍वास करो। मैं अब तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूँगा, क्योंकि इस संसार का सरदार आता है। मुझ पर उसका कोई अधिकार नहीं; परन्तु यह इसलिये होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूँ, और जैसे पिता ने मुझे आज्ञा दी मैं वैसे ही करता हूँ। उठो, यहाँ से चलें।

“ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं। परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता : तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे। तुम ने सुना कि मैं ने तुम से कहा, ‘मैं जाता हूँ, और तुम्हारे पास फिर आऊँगा।’ यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्दित होते कि मैं पिता के पास जाता हूँ, क्योंकि पिता मुझ से बड़ा है। और मैं ने अब इसके होने से पहले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम विश्‍वास करो। मैं अब तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूँगा, क्योंकि इस संसार का सरदार आता है। मुझ पर उसका कोई अधिकार नहीं; परन्तु यह इसलिये होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूँ, और जैसे पिता ने मुझे आज्ञा दी मैं वैसे ही करता हूँ। उठो, यहाँ से चलें।

यूहन्ना 14:25-31