तुम माँगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से माँगते हो, ताकि अपने भोग–विलास में उड़ा दो। हे व्यभिचारिणियो, क्या तुम नहीं जानतीं कि संसार से मित्रता करनी परमेश्वर से बैर करना है? अत: जो कोई संसार का मित्र होना चाहता है, वह अपने आप को परमेश्वर का बैरी बनाता है।