यशायाह 43:18-25

यशायाह 43:18-25 - “अब बीती हुई घटनाओं का स्मरण मत करो। न प्राचीनकाल की बातों पर मन लगाओ। देखो, मैं एक नई बात करता हूँ; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊँगा और निर्जल देश में नदियाँ बहाऊँगा। गीदड़ और शुतुर्मुर्ग आदि जंगली जन्तु मेरी महिमा करेंगे; क्योंकि मैं अपनी चुनी हुई प्रजा के पीने के लिये जंगल में जल और निर्जल देश में नदियाँ बहाऊँगा। इस प्रजा को मैं ने अपने लिये बनाया है कि वे मेरा गुणानुवाद करें।

“तौभी हे याकूब, तू ने मुझ से प्रार्थना नहीं की; वरन् हे इस्राएल, तू मुझसे उकता गया है! मेरे लिये होमबलि करने को तू मेम्ने नहीं लाया और न मेलबलि चढ़ाकर मेरी महिमा की है। देख, मैं ने अन्नबलि चढ़ाने की कठिन सेवा तुझ से नहीं कराई, न तुझ से धूप लेकर तुझे थका दिया है। तू मेरे लिये सुगन्धित नरकट रुपए से मोल नहीं लाया और न मेलबलियों की चर्बी से मुझे तृप्‍त किया। परन्तु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाद दिया है, और अपने अधर्म के कामों से मुझे थका दिया है।
“मैं वही हूँ जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूँ और तेरे पापों को स्मरण न करूँगा।

“अब बीती हुई घटनाओं का स्मरण मत करो। न प्राचीनकाल की बातों पर मन लगाओ। देखो, मैं एक नई बात करता हूँ; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊँगा और निर्जल देश में नदियाँ बहाऊँगा। गीदड़ और शुतुर्मुर्ग आदि जंगली जन्तु मेरी महिमा करेंगे; क्योंकि मैं अपनी चुनी हुई प्रजा के पीने के लिये जंगल में जल और निर्जल देश में नदियाँ बहाऊँगा। इस प्रजा को मैं ने अपने लिये बनाया है कि वे मेरा गुणानुवाद करें। “तौभी हे याकूब, तू ने मुझ से प्रार्थना नहीं की; वरन् हे इस्राएल, तू मुझसे उकता गया है! मेरे लिये होमबलि करने को तू मेम्ने नहीं लाया और न मेलबलि चढ़ाकर मेरी महिमा की है। देख, मैं ने अन्नबलि चढ़ाने की कठिन सेवा तुझ से नहीं कराई, न तुझ से धूप लेकर तुझे थका दिया है। तू मेरे लिये सुगन्धित नरकट रुपए से मोल नहीं लाया और न मेलबलियों की चर्बी से मुझे तृप्‍त किया। परन्तु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाद दिया है, और अपने अधर्म के कामों से मुझे थका दिया है। “मैं वही हूँ जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूँ और तेरे पापों को स्मरण न करूँगा।

यशायाह 43:18-25