कुलुस्सियों 3:13-25

कुलुस्सियों 3:13-25 - और यदि किसी को किसी पर दोष देने का कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो; जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बाँध लो। मसीह की शान्ति जिसके लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे; और तुम धन्यवादी बने रहो। मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो, और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्‍वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। वचन में या काम में जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्‍वर पिता का धन्यवाद करो।

हे पत्नियो, जैसा प्रभु में उचित है, वैसा ही अपने अपने पति के अधीन रहो। हे पतियो, अपनी अपनी पत्नी से प्रेम रखो, और उनसे कठोरता न करो। हे बालको, सब बातों में अपने अपने माता–पिता की आज्ञा का पालन करो, क्योंकि प्रभु इस से प्रसन्न होता है। हे बच्‍चेवालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उनका साहस टूट जाए। हे सेवको, जो शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, सब बातों में उनकी आज्ञा का पालन करो, मनुष्यों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखाने के लिये नहीं, परन्तु मन की सीधाई और परमेश्‍वर के भय से। जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो; क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी; तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो। क्योंकि जो बुरा करता है वह अपनी बुराई का फल पाएगा, वहाँ किसी का पक्षपात नहीं।

और यदि किसी को किसी पर दोष देने का कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो; जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बाँध लो। मसीह की शान्ति जिसके लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे; और तुम धन्यवादी बने रहो। मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो, और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्‍वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। वचन में या काम में जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्‍वर पिता का धन्यवाद करो। हे पत्नियो, जैसा प्रभु में उचित है, वैसा ही अपने अपने पति के अधीन रहो। हे पतियो, अपनी अपनी पत्नी से प्रेम रखो, और उनसे कठोरता न करो। हे बालको, सब बातों में अपने अपने माता–पिता की आज्ञा का पालन करो, क्योंकि प्रभु इस से प्रसन्न होता है। हे बच्‍चेवालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उनका साहस टूट जाए। हे सेवको, जो शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, सब बातों में उनकी आज्ञा का पालन करो, मनुष्यों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखाने के लिये नहीं, परन्तु मन की सीधाई और परमेश्‍वर के भय से। जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो; क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी; तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो। क्योंकि जो बुरा करता है वह अपनी बुराई का फल पाएगा, वहाँ किसी का पक्षपात नहीं।

कुलुस्सियों 3:13-25