रोमियों 1:16-17
रोमियों 1:16-17 पवित्र बाइबल (HERV)
मैं सुसमाचार के लिए शर्मिन्दा नहीं हूँ क्योंकि उसमें पहले यहूदी और फिर ग़ैर यहूदी जो भी उसमें विश्वास रखता है—उसके उद्धार के लिये परमेश्वर की सामर्थ्य है। क्योंकि सुसमाचार में यह दर्शाया गया है, परमेश्वर मनुष्य को अपने प्रति सही कैसे बनाता है। यह आदि से अंत तक विश्वास पर टिका है जैसा कि शास्त्र में लिखा है, “धर्मी मनुष्य विश्वास से जीवित रहेगा।”
रोमियों 1:16-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
शुभ समाचार से मैं लज्जित नहीं होता! यह परमेश्वर का सामर्थ्य है, जो प्रत्येक विश्वासी के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—मुक्ति का स्रोत है। शुभ समाचार में परमेश्वर की धार्मिकता, जो आदि से अन्त तक विश्वास पर आधारित है, प्रकट हो रही है, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है : “धार्मिक मनुष्य विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करेगा”
रोमियों 1:16-17 Hindi Holy Bible (HHBD)
क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित परमेश्वर की सामर्थ है। क्योंकि उस में परमेश्वर की धामिर्कता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, कि विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा॥
रोमियों 1:16-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करनेवाले के लिये, पहले तो यहूदी फिर यूनानी के लिये, उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ्य है। क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, “विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा।”
रोमियों 1:16-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिए कि वह हर एक विश्वास करनेवाले के लिये, पहले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये, उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ्य है। (2 तीमु. 1:8) क्योंकि उसमें परमेश्वर की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, “विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा।” (हब. 2:4, गला. 3:11)
रोमियों 1:16-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
ईश्वरीय सुसमाचार मेरे लिए लज्जा का विषय नहीं है. यह उन सभी के उद्धार के लिए परमेश्वर का सामर्थ्य है, जो इसमें विश्वास करते हैं. सबसे पहले यहूदियों के लिए और यूनानियों के लिए भी. क्योंकि इसमें विश्वास से विश्वास के लिए परमेश्वर की धार्मिकता का प्रकाशन होता है, जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: वह, जो विश्वास द्वारा धर्मी है, जीवित रहेगा.