प्रकाशन 6:5-6
प्रकाशन 6:5-6 पवित्र बाइबल (HERV)
मेमने ने जब तीसरी मुहर तोड़ी तो मैंने तीसरे प्राणी को कहते सुना, “आ!” जब मैंने दृष्टि उठायी तो वहाँ मेरे सामने एक काला घोड़ा खड़ा था। उस पर बैठे सवार के हाथ में एक तराजू थी। तभी मैंने उन चारों प्राणियों के बीच से एक शब्द सा आते सुना, जो कह रहा था, “एक दिन की मज़दूरी के बदले एक दिन के खाने का गेहूँ और एक दिन की मज़दूरी के बदले तीन दिन तक खाने का जौ। किन्तु जैतून के तेल और मदिरा को क्षति मत पहुँचा।”
प्रकाशन 6:5-6 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जब मेमने ने तीसरी मोहर खोली, तो मैंने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना: “आओ!” और मेरी आँखों के सामने एक काला घोड़ा दिखाई पड़ा। जो उस पर सवार था, उसके हाथ में तराजू था। और चार प्राणियों के बीच मुझे मानो एक वाणी यह कहते हुए सुनाई पड़ी: “दिन भर की मज़दूरी के मूल्य में मात्र एक किलो गेहूं अथवा मात्र तीन किलो जौ! किन्तु जैतून के तेल और दाखरस का दाम मत बढ़ाना।”
प्रकाशन 6:5-6 Hindi Holy Bible (HHBD)
और जब उस ने तीसरी मुहर खोली, तो मैं ने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना, कि आ: और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक काला घोड़ा है; और मैं ने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, कि दीनार का सेर भर गेहूं, और दीनार का तीन सेर जव, और तेल, और दाख-रस की हानि न करना॥
प्रकाशन 6:5-6 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
जब उसने तीसरी मुहर खोली, तो मैं ने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ!” मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक काला घोड़ा है, और उसके सवार के हाथ में एक तराजू है; और मैं ने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल और दाखरस की हानि न करना।”
प्रकाशन 6:5-6 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
जब उसने तीसरी मुहर खोली, तो मैंने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ।” और मैंने दृष्टि की, और एक काला घोड़ा है; और उसके सवार के हाथ में एक तराजू है। (जक. 6:2,3 जक. 6:6) और मैंने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल, और दाखरस की हानि न करना।”
प्रकाशन 6:5-6 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
जब उसने तीसरी मोहर तोड़ी तो मैंने तीसरे प्राणी को यह कहते हुए सुना: “यहां आओ!” तब मुझे वहां एक घोड़ा दिखाई दिया, जो काले रंग का था. उसके हाथ में, जो उस पर बैठा हुआ था, एक तराज़ू था. तब मैंने मानो उन चारों प्राणियों के बीच से यह शब्द सुना, “एक दिन की मज़दूरी का एक किलो गेहूं, एक दिन की मज़दूरी का तीन किलो जौ, किंतु तेल और दाखरस की हानि न होने देना.”