प्रकाशन 19:1-4
प्रकाशन 19:1-4 पवित्र बाइबल (HERV)
इसके पश्चात् मैंने भीड़ का सा एक ऊँचा स्वर सुना। लोग कह रहे थे: “हल्लिलूय्याह! परमेश्वर की जय हो, जय हो! महिमा और सामर्थ्य सदा हो! उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।” उन्होंने यह फिर गाया: “हल्लिलूय्याह! जय हो उसकी उससे धुआँ युग युग उठेगा।” फिर चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने सिंहासन पर विराजमान परमेश्वर को झुक कर प्रणाम किया और उसकी उपासना करते हुए गाने लगे
प्रकाशन 19:1-4 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इसके बाद मैंने स्वर्ग में एक विशाल जनसमुदाय की-सी ऊंची आवाज को यह गाते हुए सुना, “प्रभु की स्तुति करो! हमारे परमेश्वर को विजय, महिमा और सामर्थ्य! क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और न्यायसंगत हैं। उसने उस महावेश्या को दण्डित किया है, जो अपने व्यभिचार द्वारा पृथ्वी को दूषित करती थी। परमेश्वर ने उससे अपने सेवकों के रक्त का प्रतिशोध लिया है।” तब उन्होंने फिर पुकार कर कहा, “प्रभु की स्तुति करो! महानगरी के जलने का धूआँ युग-युगों तक उठता रहेगा।” चौबीस धर्मवृद्ध और चार प्राणी मुँह के बल गिर पड़े और उन्होंने यह कहते हुए सिंहासन पर विराजमान परमेश्वर की आराधना की, “आमेन! प्रभु की स्तुति करो!”
प्रकाशन 19:1-4 Hindi Holy Bible (HHBD)
इस के बाद मैं ने स्वर्ग में मानो बड़ी भीड़ को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि हल्लिलूय्याह! उद्धार, और महिमा, और सामर्थ हमारे परमेश्वर ही की है। क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और ठीक हैं, इसलिये कि उस ने उस बड़ी वेश्या का जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी, न्याय किया, और उस से अपने दासों के लोहू का पलटा लिया है। फिर दूसरी बार उन्होंने हल्लिलूय्याह! कहा: और उसके जलने का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा। और चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने गिर कर परमेश्वर को दण्डवत् किया; जो सिंहासन पर बैठा था, और कहा, आमीन, हल्लिलूय्याह!
प्रकाशन 19:1-4 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
इसके बाद मैं ने स्वर्ग में मानो बड़ी भीड़ को ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “हल्लिलूय्याह! उद्धार और महिमा और सामर्थ्य हमारे परमेश्वर ही की है। क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और ठीक हैं। उसने उस बड़ी वेश्या का, जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी, न्याय किया और उससे अपने दासों के लहू का बदला लिया है।” फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हल्लिलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” तब चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने गिरकर परमेश्वर को दण्डवत् किया, जो सिंहासन पर बैठा था, और कहा, “आमीन! हल्लिलूय्याह!”
प्रकाशन 19:1-4 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
इसके बाद मैंने स्वर्ग में मानो बड़ी भीड़ को ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “हालेलूय्याह! उद्धार, और महिमा, और सामर्थ्य हमारे परमेश्वर ही का है। क्योंकि उसके निर्णय सच्चे और ठीक हैं, इसलिए कि उसने उस बड़ी वेश्या का जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी, न्याय किया, और उससे अपने दासों के लहू का पलटा लिया है।” (व्यव. 32:43) फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हालेलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” (भज. 106:48) और चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने गिरकर परमेश्वर को दण्डवत् किया; जो सिंहासन पर बैठा था, और कहा, “आमीन! हालेलूय्याह!”
प्रकाशन 19:1-4 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इसके बाद मुझे स्वर्ग से एक ऐसी आवाज सुनाई दी मानो एक बड़ी भीड़ ऊंचे शब्द में कह रही हो: “हाल्लेलूयाह! उद्धार, महिमा और सामर्थ्य हमारे परमेश्वर की हैं, क्योंकि सही और धर्मी हैं उनके निर्णय. क्योंकि दंड दिया है उन्होंने उस कुख्यात व्यभिचारिणी को, जो अपने वेश्यागामी से पृथ्वी को भ्रष्ट करती रही है. उन्होंने उससे अपने दासों के लहू का बदला लिया.” उनका शब्द दोबारा सुनाई दिया: “हाल्लेलूयाह! उसे भस्म करती ज्वाला का धुआं हमेशा उठता रहेगा.” वे चौबीसों प्राचीन तथा चारों जीवित प्राणी परमेश्वर के सामने, जो सिंहासन पर विराजमान हैं, दंडवत ओर वंदना करते हुए कहने लगे: “आमेन, हाल्लेलूयाह!”