भजन संहिता 90:12-15
भजन संहिता 90:12-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएँ। हे यहोवा, लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरख खा! भोर को हमें अपनी करुणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें। जितने दिन तू हमें दु:ख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हम को आनन्द दे।
भजन संहिता 90:12-15 पवित्र बाइबल (HERV)
तू हमको सिखा दे कि हम सचमुच यह जाने कि हमारा जीवन कितना छोटा है। ताकि हम बुद्धिमान बन सकें। हे यहोवा, तू सदा हमारे पास लौट आ। अपने सेवकों पर दया कर। प्रति दिन सुबह हमें अपने प्रेम से परिपूर्ण कर, आओ हम प्रसन्न हो और अपने जीवन का रस लें। तूने हमारे जीवनों में हमें बहुत पीड़ा और यातना दी है, अब हमें प्रसन्न कर दे।
भजन संहिता 90:12-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
अत: प्रभु, हमें सिखा कि हमारी आयु के दिन कितने कम हैं; और यों हम बुद्धिमत्तापूर्ण मन प्राप्त करें। हे प्रभु, लौट आ! कब तक? तू अपने सेवकों पर दया कर। तू प्रात: काल अपनी करुणा से हमें तृप्त कर, जिससे हम जीवन भर जयजयकार करें, और आनन्द मनाएं। जितने दिन तूने हमें पीड़ित किया, जितने वर्ष हमने दु:ख भोगा उतने ही समय तक हमें आनन्दित कर।
भजन संहिता 90:12-15 Hindi Holy Bible (HHBD)
हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं॥ हे यहोवा लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा! भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें। जितने दिन तू हमें दु:ख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हम को आनन्द दे।
भजन संहिता 90:12-15 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
हमको अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएँ। हे यहोवा, लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा! भोर को हमें अपनी करुणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें। जितने दिन तू हमें दुःख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हमको आनन्द दे।
भजन संहिता 90:12-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
हमें जीवन की न्यूनता की धर्ममय विवेचना करने की अंतर्दृष्टि प्रदान कीजिए, कि हमारा हृदय बुद्धिमान हो जाए. याहवेह! मृदु हो जाइए, और कितना विलंब? कृपा कीजिए-अपने सेवकों पर. प्रातःकाल में ही हमें अपने करुणा-प्रेम से संतुष्ट कर दीजिए, कि हम आजीवन उल्लसित एवं हर्षित रहें. हमारे उतने ही दिनों को आनंद से तृप्त कर दीजिए, जितने दिन आपने हमें ताड़ना दी थी, उतने ही दिन, जितने वर्ष हमने दुर्दशा में व्यतीत किए हैं.