भजन संहिता 78:17-21
भजन संहिता 78:17-21 पवित्र बाइबल (HERV)
किन्तु लोग परमेश्वर के विरोध में पाप करते रहे। वे मरूस्थल तक में, परमपरमेश्वर के विरूद्ध हो गए। फिर उन लोगों ने परमेश्वर को परखने का निश्चय किया। उन्होंने बस अपनी भूख मिटाने के लिये परमेश्वर से भोजन माँगा। परमेश्वर के विरूद्ध वे बतियाने लगे, वे कहने लगे, “कया मरुभूमि में परमेश्वर हमें खाने को दे सकता है परमेश्वर ने चट्टान पर चोट की और जल का एक रेला बाहर फूट पड़ा। निश्चय ही वह हमको कुछ रोटी और माँस दे सकता है।” यहोवा ने सुन लिया जो लोगों ने कहा था। याकूब से परमेश्वर बहुत ही कुपित था। इस्राएल से परमेश्वर बहुत ही कुपित था।
भजन संहिता 78:17-21 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
फिर भी वे परमेश्वर के विरुद्ध पाप-पर- पाप करते रहे, शुष्क प्रदेश में सर्वोच्च प्रभु का विरोध करते रहे। उन्होंने अपनी अभिलाषा-पूर्ति के लिए अपने हृदय में परमेश्वर की परीक्षा की। वे परमेश्वर के विरुद्ध यह कहने लगे, “क्या ईश्वर निर्जन-प्रदेश में भोजन की व्यवस्था कर सकता है? उसने चट्टान को मारा तो जल बहने लगा था; जलधाराएं उमड़ने लगी थीं; पर क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपने निज लोगों के लिए मांस का प्रबन्ध कर सकता है?” अत: प्रभु यह सुनकर अत्यन्त क्रोधित हुआ, याकूब के प्रति उसकी क्रोधाग्नि भड़क उठी, इस्राएल के विरुद्ध उसका कोप धधकने लगा।
भजन संहिता 78:17-21 Hindi Holy Bible (HHBD)
तौभी वे फिर उसके विरुद्ध अधिक पाप करते गए, और निर्जल देश में परमप्रधान के विरुद्ध उठते रहे। और अपनी चाह के अनुसार भोजन मांग कर मन ही मन ईश्वर की परीक्षा की। वे परमेश्वर के विरुद्ध बोले, और कहने लगे, क्या ईश्वर जंगल में मेज लगा सकता है? उसने चट्टान पर मार के जल बहा तो दिया, और धाराएं उमण्ड़ चली, परन्तु क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपनी प्रजा के लिये मांस भी तैयार कर सकता? यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूब के बीच आग लगी, और इस्त्राएल के विरुद्ध क्रोध भड़का
भजन संहिता 78:17-21 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
तौभी वे उसके विरुद्ध अधिक पाप करते गए, और निर्जल देश में परमप्रधान के विरुद्ध उठते रहे। अपनी चाह के अनुसार भोजन माँगकर मन ही मन परमेश्वर की परीक्षा की। वे परमेश्वर के विरुद्ध बोले, और कहने लगे, “क्या परमेश्वर जंगल में मेज लगा सकता है? उसने चट्टान पर मारके जल बहा तो दिया, और धाराएँ उमण्ड चलीं, परन्तु क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपनी प्रजा के लिए मांस भी तैयार कर सकता?” यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूब के बीच आग लगी, और इस्राएल के विरुद्ध क्रोध भड़का
भजन संहिता 78:17-21 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
तो भी वे फिर उसके विरुद्ध अधिक पाप करते गए, और निर्जल देश में परमप्रधान के विरुद्ध उठते रहे। और अपनी चाह के अनुसार भोजन माँगकर मन ही मन परमेश्वर की परीक्षा की। वे परमेश्वर के विरुद्ध बोले, और कहने लगे, “क्या परमेश्वर जंगल में मेज लगा सकता है? उसने चट्टान पर मारकर जल बहा तो दिया, और धाराएँ उमड़ चली, परन्तु क्या वह रोटी भी दे सकता है? क्या वह अपनी प्रजा के लिये माँस भी तैयार कर सकता?” यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूब के विरुद्ध उसकी आग भड़क उठी, और इस्राएल के विरुद्ध क्रोध भड़का
भजन संहिता 78:17-21 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यह सब होने पर भी वे परमेश्वर के विरुद्ध पाप करते ही रहे, बंजर भूमि में उन्होंने सर्वोच्च परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया. जिस भोजन के लिए वे लालायित थे, उसके लिए हठ करके उन्होंने मन ही मन परमेश्वर की परीक्षा ली. वे यह कहते हुए परमेश्वर की निंदा करते रहे; “क्या परमेश्वर बंजर भूमि में भी हमें भोजन परोस सकते हैं? जब उन्होंने चट्टान पर प्रहार किया तो जल-स्रोत फूट पड़े तथा विपुल जलधाराएं बहने लगीं; किंतु क्या वह हमें भोजन भी दे सकते हैं? क्या वह संपूर्ण प्रजा के लिए मांस भोजन का भी प्रबंध कर सकते हैं?” यह सुन याहवेह अत्यंत उदास हो गए; याकोब के विरुद्ध उनकी अग्नि भड़क उठी, उनका क्रोध इस्राएल के विरुद्ध भड़क उठा