भजन संहिता 73:1-28

भजन संहिता 73:1-28 पवित्र बाइबल (HERV)

सचमुच, इस्राएल के प्रति परमेश्वर भला है। परमेश्वर उन लोगों के लिए भला होता है जिनके हृदय स्वच्छ है। मैं तो लगभग फिसल गया था और पाप करने लगा। जब मैंने देखा कि पापी सफल हो रहे हैं और शांति से रह रहे हैं, तो उन अभिमानी लोगों से मुझको जलन हुयी। वे लोग स्वस्थ हैं उन्हें जीवन के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता है। वे अभिमानी लोग पीड़ायें नहीं उठाते है। जैसे हम लोग दु:ख झेलते हैं, वैसे उनको औरों की तरह यातनाएँ नहीं होती। इसलिए वे अहंकार से भरे रहते हैं। और वे घृणा से भरे हुए रहते हैं। ये वैसा ही साफ दिखता है, जैसे रत्न और वे सुन्दर वस्त्र जिनको वे पहने हैं। वे लोग ऐसे है कि यदि कोई वस्तु देखते हैं और उनको पसन्द आ जाती है, तो उसे बढ़कर झपट लेते हैं। वे वैसे ही करते हैं, जैसे उन्हें भाता है। वे दूसरों के बारें में क्रूर बातें और बुरी बुरी बातें कहते है। वे अहंकारी और हठी है। वे दूसरे लोगों से लाभ उठाने का रास्ता बनाते है। अभिमानी मनुष्य सोचते हैं वे देवता हैं! वे अपने आप को धरती का शासक समझते हैं। यहाँ तक कि परमेश्वर के जन, उन दुष्टों की ओर मुड़ते और जैसा वे कहते है, वैसा विश्वास कर लेते हैं। वे दुष्ट जन कहते हैं, “हमारे उन कर्मो को परमेश्वर नहीं जानता! जिनकों हम कर रहे हैं!” वे मनुष्य अभिमान और कुटिल हैं, किन्तु वे निरन्तर धनी और अधिक धनी होते जा रहे हैं। सो मैं अपना मन पवित्र क्यों बनाता रहूँ? अपने हाथों को सदा निर्मल क्यों करता रहूँ? हे परमेश्वर, मैं सारे ही दिन दु:ख भोगा करता हूँ। तू हर सुबह मुझको दण्ड देता है। हे परमेश्वर, मैं ये बातें दूसरो को बताना चाहता था। किन्तु मैं जानता था और मैं ऐसे ही तेरे भक्तों के विरूद्ध हो जाता था। इन बातों को समझने का, मैंने जतन किया किन्तु इनका समझना मेरे लिए बहुत कठिन था, जब तक मैं तेरे मन्दिर में नहीं गया। मैं परमेश्वर के मन्दिर में गया और तब मैं समझा। हे परमेश्वर, सचमुच तूने उन लोगों को भयंकर परिस्थिति में रखा है। उनका गिर जाना बहुत ही सरल है। उनका नष्ट हो जाना बहुत ही सरल है। सहसा उन पर विपत्ति पड़ सकती है, और वे अहंकारी जन नष्ट हो जाते हैं। उनके साथ भयंकर घटनाएँ घट सकती हैं, और फिर उनका अंत हो जाता है। हे यहोवा, वे मनुष्य ऐसे होंगे जैसे स्वप्न जिसको हम जागते ही भुल जाते हैं। तू ऐसे लोगों को हमारे स्वप्न के भयानक जन्तु की तरह अदृश्य कर दे। मैं अज्ञान था। मैंने धनिकों और दुष्ट लोगों पर विचारा, और मैं व्याकुल हो गया। हे परमेश्वर, मैं तुझ पर क्रोधित हुआ! मैं निर्बुद्धि जानवर सा व्यवहार किया। वह सब कुछ मेरे पास है, जिसकी मुझे अपेक्षा है। मैं तेरे साथ हरदम हूँ। हे परमेश्वर, तू मेरा हाथ थामें है। हे परमेश्वर, तू मुझे मार्ग दिखलाता, और मुझे सम्मति देता है। अंत में तू अपनी महिमा में मेरा नेतृत्व करेगा। हे परमेश्वर, स्वर्ग में बस तू ही मेरा है, और धरती पर मुझे क्या चाहिए, जब तू मेरे साथ है चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है! परमेश्वर, जो लोग तुझको त्यागते हैं, वे नष्ट हो जाते है। जिनका विश्वास तुझमें नहीं तू उन लोगों को नष्ट कर देगा। किन्तु, मैं परमेश्वर के निकट आया। मेरे साथ परमेश्वर भला है, मैंने अपना सुरक्षास्थान अपने स्वामी यहोवा को बनाया है। हे परमेश्वर, मैं उन सभी बातों का बखान करूँगा जिनको तूने किया है।

भजन संहिता 73:1-28 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

निश्‍चय, परमेश्‍वर इस्राएल के लिए, शुद्ध हृदय वालों के लिए भला है। पर मेरे पैर उखड़ चुके थे, मेरे पग फिसलने पर थे। जब मैं ने दुर्जनों का फलना-फूलना देखा, तब मैं घमण्‍डी लोगों के प्रति ईष्‍र्यालु हो गया। दुर्जनों को मृत्‍यु तक कष्‍ट नहीं होता, उनकी देह स्‍वस्‍थ है। धार्मिक लोग दु:ख में हैं, पर दुर्जन नहीं; अन्‍य मनुष्‍यों जैसे वे विपत्ति में नहीं पड़ते। अत: अहंकार उनका कण्‍ठहार है; हिंसा उनका ओढ़ना है। उनकी आंखों में चर्बी झलकती है, उनके हृदय में दुष्‍कल्‍पनाएं उमड़ती हैं। वे धार्मिकों का उपहास करते हैं; वे उनसे दुष्‍टभाव से बातें करते हैं, ऊंचे पर बैठकर वे अत्‍याचार करते हैं, वे स्‍वर्ग के विरुद्ध अपना मुंह खोलते हैं, पृथ्‍वी पर उनकी जीभ गर्व से चलती है। इसलिए लोग दुर्जनों के पास आकर उनकी प्रशंसा करते हैं और उनमें कोई त्रुटि नहीं पाते। वे यह कहते हैं, “परमेश्‍वर कैसे जान सकता है? क्‍या सर्वोच्‍च परमेश्‍वर में ज्ञान है?” ये दुर्जन व्यक्‍ति हैं, तोभी सरलता से सदा संपत्ति बढ़ाते जाते हैं। मैंने व्‍यर्थ ही अपने हृदय को शुद्ध रखा, और अपने हाथों को निर्दोषता में धोया। फिर दिन भर मैं दण्‍डित और प्रति भोर को ताड़ित होता रहा। यदि मैंने यह कहा होता, “मैं ऐसा बोलूंगा,” तो हे परमेश्‍वर, मैं तेरे लोगों के प्रति विश्‍वासघात करता। जब मैंने इस भेद पर विचार किया, तब यह मेरी दृष्‍टि में कठिन कार्य दिखा; किन्‍तु जब मैं परमेश्‍वर के पवित्र स्‍थान में गया, तब मैंने दुर्जनों का अन्‍त समझ लिया। सचमुच तूने उन्‍हें फिसलने वाले स्‍थानों पर रखा है; तू विनाश के लिए उन्‍हें गिराता है। वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए। वे आतंक द्वारा पूर्णत: विनष्‍ट हो गए! जैसे जागने वाला मनुष्‍य स्‍वप्‍न को महत्‍व नहीं देता, वैसे ही स्‍वामी, तू जागने पर उनके झूठे वैभव को तुच्‍छ समझता है। जब मेरा मन कड़ुवा हो गया था, मेरे हृदय में अपार पीड़ा थी। मैं मूर्ख और नासमझ था, तेरे सम्‍मुख मैं पशुवत था। फिर भी मैं निरन्‍तर तेरे साथ रहा हूँ; तू मेरे दाहिने हाथ को थामे हुए है। तू अपनी सलाह से मेरा मार्ग-दर्शन करता है; जीवन के अन्‍त में तू मुझे महिमा में ग्रहण करेगा। स्‍वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे अतिरिक्‍त पृथ्‍वी पर मैं किसी की कामना नहीं करता। मेरा शरीर और हृदय चाहे हताश हो जाएं, पर परमेश्‍वर, तू सदा मेरे हृदय का बल और भाग है। जो तुझसे दूर हैं, वे मिट जाएंगे; जो तेरे प्रति निष्‍ठावान नहीं हैं, उन सब को तू नष्‍ट कर देगा। पर मेरे लिए परमेश्‍वर की निकटता उत्तम है; मैं ने प्रभु-स्‍वामी को अपना आश्रय स्‍थल माना है; प्रभु, मैं तेरे सब कार्यों का वर्णन करूंगा।

भजन संहिता 73:1-28 Hindi Holy Bible (HHBD)

सचमुच इस्त्राएल के लिये अर्थात शुद्ध मन वालों के लिये परमेश्वर भला है। मेरे डग तो उखड़ना चाहते थे, मेरे डग फिसलने ही पर थे। क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था॥ क्योंकि उनकी मृत्यु में वेदनाएं नहीं होतीं, परन्तु उनका बल अटूट रहता है। उन को दूसरे मनुष्यों की नाईं कष्ट नहीं होता; और और मनुष्यों के समान उन पर विपत्ति नहीं पड़ती। इस कारण अहंकार उनके गले का हार बना है; उनका ओढ़ना उपद्रव है। उनकी आंखें चर्बी से झलकती हैं, उनके मन की भवनाएं उमण्डती हैं। वे ठट्ठा मारते हैं, और दुष्टता से अन्धेर की बात बोलते हैं; वे डींग मारते हैं। वे मानों स्वर्ग में बैठे हुए बोलते हैं, और वे पृथ्वी में बोलते फिरते हैं॥ तौभी उसकी प्रजा इधर लौट आएगी, और उन को भरे हुए प्याले का जल मिलेगा। फिर वे कहते हैं, ईश्वर कैसे जानता है? क्या परमप्रधान को कुछ ज्ञान है? देखो, ये तो दुष्ट लोग हैं; तौभी सदा सुभागी रहकर, धन सम्पत्ति बटोरते रहते हैं। निश्चय, मैं ने अपने हृदय को व्यर्थ शुद्ध किया और अपने हाथों को निर्दोषता में धोया है; क्योंकि मैं दिन भर मार खाता आया हूं और प्रति भोर को मेरी ताड़ना होती आई है॥ यदि मैं ने कहा होता कि मैं ऐसा ही कहूंगा, तो देख मैं तेरे लड़कों की सन्तान के साथ क्रूरता का व्यवहार करता, जब मैं सोचने लगा कि इसे मैं कैसे समझूं, तो यह मेरी दृष्टि में अति कठिन समस्या थी, जब तक कि मैं ने ईश्वर के पवित्र स्थान में जाकर उन लोगों के परिणाम को न सोचा। निश्चय तू उन्हें फिसलने वाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है। अहा, वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए हैं! वे मिट गए, वे घबराते घबराते नाश हो गए हैं। जैसे जागने हारा स्वप्न को तुच्छ जानता है, वैसे ही हे प्रभु जब तू उठेगा, तब उन को छाया सा समझ कर तुच्छ जानेगा॥ मेरा मन तो चिड़चिड़ा हो गया, मेरा अन्त:करण छिद गया था, मैं तो पशु सरीखा था, और समझता न था, मैं तेरे संग रह कर भी, पशु बन गया था। तौभी मैं निरन्तर तेरे संग ही था; तू ने मेरे दाहिने हाथ को पकड़ रखा। तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुवाई करेगा, और तब मेरी महिमा करके मुझ को अपने पास रखेगा। स्वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे संग रहते हुए मैं पृथ्वी पर और कुछ नहीं चाहता। मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्वर सर्वदा के लिये मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है॥ जो तुझ से दूर रहते हैं वे तो नाश होंगे; जो कोई तेरे विरुद्ध व्यभिचार करता है, उसको तू विनाश करता है। परन्तु परमेश्वर के समीप रहना, यही मेरे लिये भला है; मैं ने प्रभु यहोवा को अपना शरणस्थान माना है, जिस से मैं तेरे सब कामों का वर्णन करूं॥

भजन संहिता 73:1-28 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

सचमुच इस्राएल के लिये अर्थात् शुद्ध मनवालों के लिये परमेश्‍वर भला है। मेरे डग तो उखड़ना चाहते थे, मेरे डग फिसलने ही पर थे। क्योंकि जब मैं दुष्‍टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था। क्योंकि उनकी मृत्यु में वेदनाएँ नहीं होतीं, परन्तु उनका बल अटूट रहता है। उनको दूसरे मनुष्यों के समान कष्‍ट नहीं होता; और अन्य मनुष्यों के समान उन पर विपत्ति नहीं पड़ती। इस कारण अहंकार उनके गले का हार बना है; उनका ओढ़ना उपद्रव है। उनकी आँखें चर्बी से झलकती हैं, उनके मन की भावनाएँ उमण्डती हैं। वे ठट्ठा मारते हैं, और दुष्‍टता से अन्धेर की बात बोलते हैं; वे डींग मारते हैं। वे मानो स्वर्ग में बैठे हुए बोलते हैं, और वे पृथ्वी में बोलते फिरते हैं। इसलिये उसकी प्रजा इधर लौट आएगी, और उनको भरे हुए प्याले का जल मिलेगा। फिर वे कहते हैं, “परमेश्‍वर कैसे जानता है? क्या परमप्रधान में कुछ ज्ञान है?” देखो, ये तो दुष्‍ट लोग हैं, तौभी सदा आराम से रहकर, धन सम्पत्ति बटोरते रहते हैं। निश्‍चय, मैं ने अपने हृदय को व्यर्थ शुद्ध किया और अपने हाथों को निर्दोषता में धोया है; क्योंकि मैं दिन भर मार खाता आया हूँ और प्रति भोर को मेरी ताड़ना होती आई है। यदि मैं ने कहा होता, “मैं ऐसा ही कहूँगा,” तो देख मैं तेरी सन्तान के साथ क्रूरता का व्यवहार करता। जब मैं सोचने लगा कि इसे मैं कैसे समझूँ, तो यह मेरी दृष्‍टि में अति कठिन समस्या थी, जब तक कि मैं ने ईश्‍वर के पवित्रस्थान में जाकर उन लोगों के परिणाम को न सोचा। निश्‍चय तू उन्हें फिसलनेवाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है। अहा, वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए हैं! वे मिट गए, वे घबराते घबराते नष्‍ट हो गए हैं। जैसे जागनेहारा स्वप्न को तुच्छ जानता है, वैसे ही हे प्रभु जब तू उठेगा, तब उनको छाया सा समझकर तुच्छ जानेगा। मेरा मन तो कड़ुवा हो गया था, मेरा अन्त:करण छिद गया था, मैं तो पशु सरीखा था, और समझता न था, मैं तेरे संग रहकर भी, पशु बन गया था। तौभी मैं निरन्तर तेरे संग ही था; तू ने मेरे दाहिने हाथ को पकड़ रखा। तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुवाई करेगा, और तब मेरी महिमा करके मुझ को अपने पास रखेगा। स्वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे संग रहते हुए मैं पृथ्वी पर और कुछ नहीं चाहता। मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्‍वर सर्वदा के लिये मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है। जो तुझ से दूर रहते हैं वे नष्‍ट होंगे; जो कोई तेरे विरुद्ध व्यभिचार करता है, उसका तू विनाश करता है। परन्तु परमेश्‍वर के समीप रहना, यही मेरे लिये भला है; मैं ने प्रभु यहोवा को अपना शरणस्थान माना है, जिस से मैं तेरे सब कामों का वर्णन करूँ।

भजन संहिता 73:1-28 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

सचमुच इस्राएल के लिये अर्थात् शुद्ध मनवालों के लिये परमेश्वर भला है। मेरे डग तो उखड़ना चाहते थे, मेरे डग फिसलने ही पर थे। क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था। क्योंकि उनकी मृत्यु में वेदनाएँ नहीं होतीं, परन्तु उनका बल अटूट रहता है। उनको दूसरे मनुष्यों के समान कष्ट नहीं होता; और अन्य मनुष्यों के समान उन पर विपत्ति नहीं पड़ती। इस कारण अहंकार उनके गले का हार बना है; उनका ओढ़ना उपद्रव है। उनकी आँखें चर्बी से झलकती हैं, उनके मन की भावनाएँ उमड़ती हैं। वे ठट्ठा मारते हैं, और दुष्टता से हिंसा की बात बोलते हैं; वे डींग मारते हैं। वे मानो स्वर्ग में बैठे हुए बोलते हैं, और वे पृथ्वी में बोलते फिरते हैं। इसलिए उसकी प्रजा इधर लौट आएगी, और उनको भरे हुए प्याले का जल मिलेगा। फिर वे कहते हैं, “परमेश्वर कैसे जानता है? क्या परमप्रधान को कुछ ज्ञान है?” देखो, ये तो दुष्ट लोग हैं; तो भी सदा आराम से रहकर, धन-सम्पत्ति बटोरते रहते हैं। निश्चय, मैंने अपने हृदय को व्यर्थ शुद्ध किया और अपने हाथों को निर्दोषता में धोया है; क्योंकि मैं दिन भर मार खाता आया हूँ और प्रति भोर को मेरी ताड़ना होती आई है। यदि मैंने कहा होता, “मैं ऐसा कहूँगा”, तो देख मैं तेरे सन्तानों की पीढ़ी के साथ छल करता। जब मैं सोचने लगा कि इसे मैं कैसे समझूँ, तो यह मेरी दृष्टि में अति कठिन समस्या थी, जब तक कि मैंने परमेश्वर के पवित्रस्थान में जाकर उन लोगों के परिणाम को न सोचा। निश्चय तू उन्हें फिसलनेवाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है। वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए हैं! वे मिट गए, वे घबराते-घबराते नाश हो गए हैं। जैसे जागनेवाला स्वप्न को तुच्छ जानता है, वैसे ही हे प्रभु जब तू उठेगा, तब उनको छाया सा समझकर तुच्छ जानेगा। मेरा मन तो कड़वा हो गया था, मेरा अन्तःकरण छिद गया था, मैं अबोध और नासमझ था, मैं तेरे सम्मुख मूर्ख पशु के समान था। तो भी मैं निरन्तर तेरे संग ही था; तूने मेरे दाहिने हाथ को पकड़ रखा। तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुआई करेगा, और तब मेरी महिमा करके मुझ को अपने पास रखेगा। स्वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे संग रहते हुए मैं पृथ्वी पर और कुछ नहीं चाहता। मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्वर सर्वदा के लिये मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है। जो तुझ से दूर रहते हैं वे तो नाश होंगे; जो कोई तेरे विरुद्ध व्यभिचार करता है, उसको तू विनाश करता है। परन्तु परमेश्वर के समीप रहना, यही मेरे लिये भला है; मैंने प्रभु यहोवा को अपना शरणस्थान माना है, जिससे मैं तेरे सब कामों को वर्णन करूँ।

भजन संहिता 73:1-28 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इसमें कोई संदेह नहीं कि परमेश्वर इस्राएल के प्रति, उनके प्रति, जिनके हृदय निर्मल हैं, हितकारी हैं. वैसे मैं लगभग इस स्थिति तक पहुंच चुका था; कि मेरे पैर फिसलने पर ही थे, मेरे कदम लड़खड़ाने पर ही थे. मुझे दुर्जनों की समृद्धि से डाह होने लगी थी क्योंकि मेरा ध्यान उनके घमंड पर था. मृत्यु तक उनमें पीड़ा के प्रति कोई संवेदना न थी; उनकी देह स्वस्थ तथा बलवान थी. उन्हें अन्य मनुष्यों के समान सामान्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता; उन्हें परिश्रम भी नहीं करना पड़ता. अहंकार उनके गले का हार है; तथा हिंसा उनका वस्त्र. उनके संवेदन शून्य हृदय से अपराध ही निकलता है; उनके मस्तिष्क में घुमड़ती दुष्कल्पनाओं की कोई सीमा ही नहीं है. वे उपहास करते रहते हैं, बुराई करने की वार्तालाप करते हैं; तथा अहंकार के साथ वे उत्पीड़न की धमकी देते हैं. उनकी डींगे आकाश तक ऊंची होती हैं, और वे दावा करते हैं कि वे पृथ्वी के अधिकारी हैं. इसलिये उनके लोग इस स्थान पर लौट आते हैं, और वे भरे हुए जल में से पान करते हैं. वे कहते हैं, “यह कैसे हो सकता है, कि यह परमेश्वर को ज्ञात हो जाए? क्या परम प्रधान को इसका बोध है?” ऐसे होते हैं दुष्ट पुरुष—सदैव निश्चिंत; और उनकी संपत्ति में वृद्धि होती रहती है. क्या लाभ हुआ मुझे अपने हृदय को शुद्ध रखने का? व्यर्थ ही मैंने अपने हाथ निर्दोष रखे. सारे दिन मैं यातनाएं सहता रहा, प्रति भोर मुझे दंड दिया जाता रहा. अब मेरा बोलना उन्हीं के जैसा होगा, तो यह आपकी प्रजा के साथ विश्वासघात होता. मैंने इस मर्म को समझने का प्रयास किया, तो यह अत्यंत कठिन लगा. तब मैं परमेश्वर के पवित्र स्थान में जा पहुंचा; और वहां मुझ पर दुष्टों की नियति का प्रकाशन हुआ. सचमुच में, आपने दुष्टों को फिसलने वाली भूमि पर रखा है; विनाश होने के लिए आपने उन्हें निर्धारित कर रखा है. अचानक ही आ पड़ेगा उन पर विनाश, आतंक उन्हें एकाएक ही ले उड़ेगा! जब दुस्वप्न के कारण निद्रा से जागने पर एक व्यक्ति दुस्वप्न के रूप से घृणा करता है, हे प्रभु, उसी प्रकार आपके जागने पर उनके स्वरूप से आप घृणा करेंगे! जब मेरा हृदय खेदित था तथा मेरी आत्मा कड़वाहट से भर गई थी, उस समय मैं नासमझ और अज्ञानी ही था; आपके सामने मैं पशु समान था. किंतु मैं सदैव आपके निकट रहा हूं; और आप मेरा दायां हाथ थामे रहे. आप अपनी सम्मति द्वारा मेरी अगुवाई करते हैं, और अंत में आप मुझे अपनी महिमा में सम्मिलित कर लेंगे. स्वर्ग में आपके अतिरिक्त मेरा कौन है? आपकी उपस्थिति में मुझे पृथ्वी की किसी भी वस्तु की कामना नहीं रह जाती. यह संभव है कि मेरी देह मेरा साथ न दे और मेरा हृदय क्षीण हो जाए, किंतु मेरा बल स्वयं परमेश्वर हैं; वही मेरी निधि हैं. क्योंकि वे, जो आपसे दूर हैं, नष्ट हो जाएंगे; आपने उन सभी को नष्ट कर दिया है, जो आपके प्रति विश्वासघाती हैं. मेरा अपना अनुभव यह है, कि मनोरम है परमेश्वर का सान्‍निध्य. मैंने प्रभु याहवेह को अपना आश्रय-स्थल बना लिया है; कि मैं आपके समस्त महाकार्य को लिख सकूं.