भजन संहिता 132:1-18

भजन संहिता 132:1-18 पवित्र बाइबल (HERV)

हे यहोवा, जैसे दाऊद ने यातनाएँ भोगी थी, उसको याद कर। किन्तु दाऊद ने यहोवा की एक मन्नत मानी थी। दाऊद ने इस्राएल के पराक्रमी परमेश्वर की एक मन्नत मानी थी। दाऊद ने कहा था: “मैं अपने घर में तब तक न जाऊँगा, अपने बिस्तर पर न ही लेटूँगा, न ही सोऊँगा। अपनी आँखों को मैं विश्राम तक न दूँगा। इसमें से मैं कोई बात भी नहीं करूँगा जब तक मैं यहोवा के लिए एक भवन न प्राप्त कर लूँ। मैं इस्राएल के शक्तिशाली परमेश्वर के लिए एक मन्दिर पा कर रहूँगा!” एप्राता में हमने इसके विषय में सुना, हमें किरीयथ योरीम के वन में वाचा की सन्दूक मिली थी। आओ, पवित्र तम्बू में चलो। आओ, हम उस चौकी पर आराधना करें, जहाँ पर परमेश्वर अपने चरण रखता है। हे यहोवा, तू अपनी विश्राम की जगह से उठ बैठ, तू और तेरी सामर्थ्यवान सन्दूक उठ बैठ। हे यहोवा, तेरे याजक धार्मिकता धारण किये रहते हैं। तेरे जन बहुत प्रसन्न रहते हैं। तू अपने चुने हुये राजा को अपने सेवक दाऊद के भले के लिए नकार मत। यहोवा ने दाऊद को एक वचन दिया है कि दाऊद के प्रति वह सच्चा रहेगा। यहोवा ने वचन दिया है कि दाऊद के वंश से राजा आयेंगे। यहोवा ने कहा था, “यदि तेरी संतानें मेरी वाचा पर और मैंने उन्हें जो शिक्षाएं सिखाई उन पर चलेंगे तो फिर तेरे परिवार का कोई न कोई सदा ही राजा रहेगा।” अपने मन्दिर की जगह के लिए यहोवा ने सिय्योन को चुना था। यह वह जगह है जिसे वह अपने भवन के लिये चाहता था। यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा। मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा। भरपूर भोजन से मैं इस नगर को आशीर्वाद दूँगा, यहाँ तक कि दीनों के पास खाने को भर—पूर होगा। याजकोंको मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा, और यहाँ मेरे भक्त बहुत प्रसन्न रहेंगे। इस स्थान पर मैं दाऊद को सुदृढ करुँगा। मैं अपने चुने राजा को एक दीपक दूँगा। मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्जा से ढक दूँगा और दाऊद का राज्य बढाऊँगा।”

भजन संहिता 132:1-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

हे प्रभु, दाऊद के हित में उसकी समस्‍त कठिनाइयों को स्‍मरण कर; प्रभु, उसने तेरी शपथ खाई है, उसने याकूब के सर्वशक्‍तिमान प्रभु की यह मन्नत मानी है: ‘मैं अपने घर में प्रवेश नहीं करूंगा, और न बिछे हुए बिस्‍तर पर लेटूंगा; मैं अपनी आंखों में नींद नहीं आने दूंगा, और न अपनी पलकों को झपकियां लेने दूंगा, जब तक मैं प्रभु के लिए एक स्‍थान, याकूब के सर्वशक्‍तिमान प्रभु के लिए एक निवास-स्‍थान प्राप्‍त न कर लूं।’ देखो, हमने मंजूषा के विषय में एप्राताह नगर में सुना; और हमने उसको यअर के मैदान में पाया। आओ, हम प्रभु के निवास-स्‍थान में प्रवेश करें, आओ, हम उसकी चरणों की चौकी के सम्‍मुख वन्‍दना करें। हे प्रभु, उठ! तू और तेरे सामर्थ्य की मंजूषा अपने विश्राम-स्‍थान को जाएं। तेरे पुरोहित धार्मिकता से विभूषित हों, तेरे भक्‍त जय-जयकार करें। अपने सेवक दाऊद के लिए हमारी प्रार्थना सुन; तू अपने अभिषिक्‍त राजा को अस्‍वीकार मत कर। प्रभु ने दाऊद से सत्‍य शपथ खाई है, वह उससे विमुख न होगा; ‘तेरे निज पुत्रों में से एक पुत्र को मैं तेरे सिंहासन पर बैठाऊंगा। यदि तेरे पुत्र मेरे विधान और साक्षी का पालन करेंगे, जो मैं उन्‍हें सिखाऊंगा, तो उनके पुत्र भी युग-युगान्‍त तेरे सिंहासन पर बैठेंगे।’ प्रभु ने सियोन को चुना है; उसको अपना निवास-स्‍थान बनाने की इच्‍छा की है : ‘यह युग-युगान्‍त मेरा विश्राम स्‍थल होगा; यहां मैं रहूंगा; क्‍योंकि मैंने इसकी इच्‍छा की है। मैं इस नगर की भोजन-व्‍यवस्‍था को आशिष दूंगा; मैं इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्‍त करूंगा। मैं इसके पुरोहितों को उद्धार से विभूषित करूंगा, इसके भक्‍त ऊंचे स्‍वर से जय-जयकार करेंगे। यहां मैं दाऊद के लिए वंश-वृक्ष उत्‍पन्न करूंगा; मैंने अपने अभिषिक्‍त के लिए वंश-दीपक तैयार किया है। मैं दाऊद के शत्रुओं को लज्‍जित करूंगा; पर दाऊद का मुकुट उस पर सदा सुशोभित होगा।’

भजन संहिता 132:1-18 Hindi Holy Bible (HHBD)

हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर; उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी है, कि निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूंगा, और ने अपने पलंग पर चढूंगा; न अपनी आंखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दूंगा, जब तक मैं यहोवा के लिये एक स्थान, अर्थात याकूब के सर्वशक्तिमान के लिये निवास स्थान न पाऊं॥ देखो, हम ने एप्राता में इसकी चर्चा सुनी है, हम ने इस को वन के खेतों में पाया है। आओ, हम उसके निवास में प्रवेश करें, हम उसके चरणों की चौकी के आगे दण्डवत करें! हे यहोवा, उठकर अपने विश्रामस्थान में अपनी सामर्थ्य के सन्दूक समेत आ। तेरे याजक धर्म के वस्त्र पहिने रहें, और तेरे भक्त लोग जयजयकार करें। अपने दास दाऊद के लिये अपने अभिषिक्त की प्रार्थना की अनसुनी न कर॥ यहोवा ने दाऊद से सच्ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा: कि मैं तेरी गद्दी पर तेरे एक निज पुत्र को बैठाऊंगा। यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें और जो चितौनी मैं उन्हें सिखाऊंगा, उस पर चलें, तो उनके वंश के लोग भी तेरी गद्दी पर युग युग बैठते चले जाएंगे। क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है॥ यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैं ने इसको चाहा है। मैं इस में की भोजन वस्तुओं पर अति आशीष दूंगा; और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्त करूंगा। इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहिनाऊंगा, और इसके भक्त लोग ऊंचे स्वर से जयजयकार करेंगे। वहां मैं दाऊद के एक सींग उगाऊंगा; मैं ने अपने अभिषिक्त के लिये एक दीपक तैयार कर रखा है। मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहिनाऊंगा, परन्तु उस के सिर पर उसका मुकुट शोभायमान रहेगा॥

भजन संहिता 132:1-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर; उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सर्वशक्‍तिमान की मन्नत मानी है, “निश्‍चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूँगा, और न अपने पलंग पर चढ़ूँगा; न अपनी आँखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दूँगा, जब तक मैं यहोवा के लिये एक स्थान, अर्थात् याकूब के सर्वशक्‍तिमान के लिये निवास स्थान न पाऊँ।” देखो, हम ने एप्राता में इसकी चर्चा सुनी है, हम ने इसको वन के खेतों में पाया है। आओ, हम उसके निवास में प्रवेश करें, हम उसके चरणों की चौकी के आगे दण्डवत् करें! हे यहोवा, उठकर अपने विश्राम स्थान में अपनी सामर्थ्य के सन्दूक समेत आ। तेरे याजक धर्म के वस्त्र पहिने रहें, और तेरे भक्‍त लोग जयजयकार करें। अपने दास दाऊद के लिये, अपने अभिषिक्‍त की प्रार्थना की अनसुनी न कर। यहोवा ने दाऊद से सच्‍ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा : “मैं तेरी गद्दी पर तेरे एक निज पुत्र को बैठाऊँगा। यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें और जो चितौनी मैं उन्हें सिखाऊँगा, उस पर चलें, तो उनके वंश के लोग भी तेरी गद्दी पर युग युग बैठते चले जाएँगे।” क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है : “यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान है; यहीं मैं रहूँगा, क्योंकि मैं ने इसको चाहा है। मैं इस में की भोजनवस्तुओं पर अति आशीष दूँगा; और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्‍त करूँगा। इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहिनाऊँगा, और इसके भक्‍त लोग ऊँचे स्वर से जयजयकार करेंगे। वहाँ मैं दाऊद का एक सींग उगाऊँगा; मैं ने अपने अभिषिक्‍त के लिये एक दीपक तैयार कर रखा है। मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहिनाऊँगा, परन्तु उस के सिर पर उसका मुकुट शोभायमान रहेगा।”

भजन संहिता 132:1-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर; उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी है, उसने कहा, “निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूँगा, और न अपने पलंग पर चढूँगा; न अपनी आँखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दूँगा, जब तक मैं यहोवा के लिये एक स्थान, अर्थात् याकूब के सर्वशक्तिमान के लिये निवास-स्थान न पाऊँ।” (प्रेरि. 7:46) देखो, हमने एप्राता में इसकी चर्चा सुनी है, हमने इसको वन के खेतों में पाया है। आओ, हम उसके निवास में प्रवेश करें, हम उसके चरणों की चौकी के आगे दण्डवत् करें! हे यहोवा, उठकर अपने विश्रामस्थान में अपनी सामर्थ्य के सन्दूक समेत आ। तेरे याजक धर्म के वस्त्र पहने रहें, और तेरे भक्त लोग जयजयकार करें। अपने दास दाऊद के लिये, अपने अभिषिक्त की प्रार्थना को अनसुनी न कर। यहोवा ने दाऊद से सच्ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा: “मैं तेरी गद्दी पर तेरे एक निज पुत्र को बैठाऊँगा। (2 शमू. 7:12, प्रेरि. 2:30) यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें और जो चितौनी मैं उन्हें सिखाऊँगा, उस पर चलें, तो उनके वंश के लोग भी तेरी गद्दी पर युग-युग बैठते चले जाएँगे।” निश्चय यहोवा ने सिय्योन को चुना है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है। “यह तो युग-युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूँगा, क्योंकि मैंने इसको चाहा है। मैं इसमें की भोजनवस्तुओं पर अति आशीष दूँगा; और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्त करूँगा। इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा, और इसके भक्त लोग ऊँचे स्वर से जयजयकार करेंगे। वहाँ मैं दाऊद का एक सींग उगाऊँगा; मैंने अपने अभिषिक्त के लिये एक दीपक तैयार कर रखा है। (लूका 1:69) मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहनाऊँगा, परन्तु उसके सिर पर उसका मुकुट शोभायमान रहेगा।”

भजन संहिता 132:1-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह, दावीद को और उनके द्वारा झेली गई समस्त विषमताओं को स्मरण कीजिए. उन्होंने याहवेह की शपथ खाई, तथा याकोब के सर्वशक्तिमान से शपथ की थी: “मैं न तो तब तक घर में प्रवेश करूंगा और न मैं अपने बिछौने पर जाऊंगा, न तो मैं अपनी आंखों में नींद आने दूंगा और न पलकों में झपकी, जब तक मुझे याहवेह के लिए एक स्थान उपलब्ध न हो जाए, याकोब के सर्वशक्तिमान के आवास के लिए.” इसके विषय में हमने एफ़राथा में सुना, याअर के मैदान में भी यही पाया गया: “आओ, हम उनके आवास को चलें; हम उनके चरणों में जाकर आराधना करें. ‘याहवेह, अब उठकर अपने विश्राम स्थल पर आ जाइए, आप और आपकी सामर्थ्य का संदूक भी. आपके पुरोहित धर्म के वस्त्र पहिने हुए हों; और आपके सात्विक हर्ष गीत गाएं.’ ” अपने सेवक दावीद के निमित्त, अपने अभिषिक्त को न ठुकराईए. याहवेह ने दावीद से शपथ खाई थी, एक ऐसी शपथ, जिसे वह तोड़ेंगे नहीं: “तुम्हारे ही अपने वंशजों में से एक को मैं तुम्हारे सिंहासन पर विराजमान करूंगा. यदि तुम्हारे वंशज मेरी वाचा का पालन करेंगे तथा मेरे द्वारा सिखाए गए उपदेशों का पालन करेंगे, तब उनकी संतान भी तुम्हारे सिंहासन पर सदा-सर्वदा के लिए विराजमान होगी.” क्योंकि ज़ियोन याहवेह द्वारा ही निर्धारित किया गया है, अपने आवास के लिए याहवेह की यही अभिलाषा है. “यह सदा-सर्वदा के लिए मेरा विश्रान्ति स्थल है; मैं यहीं सिंहासन पर विराजमान रहूंगा, क्योंकि यही मेरी अभिलाषा है. उसके लिए मेरी आशीष बड़ी योजना होगी; मैं इसके दरिद्रों को भोजन से तृप्‍त करूंगा. उसके पुरोहितों को मैं उद्धार के परिधानों से सुसज्जित करूंगा, और उसके निवासी सात्विक सदैव हर्षगान गाते रहेंगे. “यहां मैं दावीद के वंश को बढाऊंगा, मैं अपने अभिषिक्त के लिए एक दीप स्थापित करूंगा. मैं उसके शत्रुओं को लज्जा के वस्त्र पहनाऊंगा, किंतु उसके अपने सिर का मुकुट उज्जवल रहेगा.”

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