भजन संहिता 107:1-43

भजन संहिता 107:1-43 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने शत्रु के हाथ से दाम देकर छुड़ा लिया है, और उन्हें देश देश से, पूरब–पश्‍चिम, उत्तर और दक्षिण से इकट्ठा किया है। वे जंगल में मरुभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया; और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुँचे। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्‍ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्‍त करता है। जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, इसलिये कि वे परमेश्‍वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। तब उसने उनको कष्‍ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उनको कोई सहायक न मिला। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया; उसने उनको अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उनके बन्धनों को तोड़ डाला। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया। मूढ़ अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दु:खित होते हैं। उनका जी सब भाँति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुँचते हैं। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह सकेती से उनका उद्धार करता है; वह अपने वचन के द्वारा उनको चंगा करता और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। और वे धन्यवादबलि चढ़ाएँ, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें। जो लोग जहाज़ों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं; वे यहोवा के कामों को, और उन आश्‍चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं। क्योंकि वह आज्ञा देता है, तब प्रचण्ड बयार उठकर तरंगों को उठाती है। वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता; वे चक्‍कर खाते, और मतवाले की भाँति लडखड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उनको सकेती से निकालता है। वह आँधी को शान्त कर देता है और तरंगें बैठ जाती हैं। तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उनको मन चाहे बन्दरगाह में पहुँचा देता है। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों की बैठक में उसकी स्तुति करें। वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है। वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहाँ के रहनेवालों की दुष्‍टता के कारण होता है। वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है। और वहाँ वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें; और खेती करें, और दाख की बारियाँ लगाएँ, और भाँति भाँति के फल उपजा लें। वह उनको ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता। फिर अन्धेर, विपत्ति और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते हैं; और वह हाकिमों को अपमान से लादकर मार्ग रहित जंगल में भटकाता है; वह दरिद्रों को दु:ख से छुड़ाकर ऊँचे पर रखता है, और उनको भेड़ों के झुण्ड सा परिवार देता है। सीधे लोग देखकर आनन्दित होते हैं; और सब कुटिल लोग अपने मुँह बन्द करते हैं। जो कोई बुद्धिमान हो, वह इन बातों पर ध्यान करेगा; और यहोवा की करुणा के कामों पर ध्यान करेगा।

भजन संहिता 107:1-43 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह उत्तम है। उसका प्रेम अमर है। हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने बचाया है, इन राष्ट्रों को कहे। हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने अपने शत्रुओं से छुड़ाया उसके गुण गाओ। यहोवा ने निज भक्तों को बहुत से अलग अलग देशों से इकट्ठा किया है। उसने उन्हें पूर्व और पश्चिम से, उत्तर और दक्षिण से जुटाया है। कुछ लोग निर्जन मरूभूमि में भटकते रहे। वे लोग ऐसे एक नगर की खोज में थे जहाँ वे रह सकें। किन्तु उन्हें कोई ऐसा नगर नहीं मिला। वे लोग भूखे थे और प्यासे थे और वे दुर्बल होते जा रहे थे। ऐसे उस संकट में सहारा पाने को उन्होंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन सभी लोगों को उनके संकट से बचा लिया। परमेश्वर उन्हें सीधा उन नगरों में ले गया जहाँ वे बसेंगे। परमेश्वर का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कर्मों के लिये जिन्हें वह अपने लोगों के लिये करता है। प्यासी आत्मा को परमेश्वर सन्तुष्ट करता है। परमेश्वर उत्तम वस्तुओं से भूखी आत्मा का पेट भरता है। परमेश्वर के कुछ भक्त बन्दी बने ऐसे बन्दीगृह में, वे तालों में बंद थे, जिसमें घना अंधकार था। क्यों? क्योंकि उन लोगों ने उन बातों के विरूद्ध लड़ाईयाँ की थी जो परमेश्वर ने कहीं थी, परम परमेश्वर की सम्मति को उन्होंने सुनने से नकारा था। परमेश्वर ने उनके कर्मो के लिये जो उन्होंने किये थे उन लोगों के जीवन को कठिन बनाया। उन्होंने ठोकर खाई और वे गिर पड़े, और उन्हें सहारा देने कोई भी नहीं मिला। वे व्यक्ति संकट में थे, इसलिए सहारा पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उनके संकटों से उनकी रक्षा की। परमेश्वर ने उनको उनके अंधेरे कारागारों से उबार लिया। परमेश्वर ने वे रस्से काटे जिनसे उनको बाँधा गया था। यहोवा का धन्यवाद करो। उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कामों के लिये जिन्हें वह लोगों के लिये करता है उसका धन्यवाद करो। परमेश्वर हमारे शत्रुओं को हराने में हमें सहायता देता है। उनके काँसें के द्वारों को परमेश्वर तोड़ गिरा सकता है। परमेश्वर उनके द्वारों पर लगी लोहे कि आगलें छिन्न—भिन्न कर सकता है। कुछ लोग अपने अपराधों और अपने पापों से जड़मति बने। उन लोगों ने खाना छोड़ दिया और वे मरे हुए से हो गये। वे संकट में थे सो उन्होंने सहायता पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन्हें उनके संकटों से बचा लिया। परमेश्वर ने आदेश दिया और लोगों को चँगा किया। इस प्रकार वे व्यक्ति कब्रों से बचाये गये। उसके प्रेम के लिये यहोवा का धन्यवाद करो उसके वे अद्भुत कामों के लिये उसका धन्यवाद करो जिन्हें वह लोगों के लिये करता है। यहोवा को धन्यवाद देने बलि अर्पित करो, सभी कार्मो को जो उसने किये हैं। यहोवा ने जिनको किया है, उन बातों को आनन्द के साथ बखानो। कुछ लोग अपने काम करने को अपनी नावों से समुद्र पार कर गये। उन लोगों ने ऐसी बातों को देखा है जिनको यहोवा कर सकता है। उन्होंने उन अद्भुत बातों को देखा है जिन्हें यहोवा ने सागर पर किया है। परमेश्वर ने आदेश दिया, फिर एक तीव्र पवन तभी चलने लगी। बड़ी से बड़ी लहरे आकार लेने लगी। लहरे इतनी ऊपर उठीं जितना आकाश हो तूफान इतना भयानक था कि लोग भयभीत हो गये। लोग लड़खड़ा रहे थे, गिरे जा रहे थे जैसे नशे में धुत हो। खिवैया उनकी बुद्धि जैसे व्यर्थ हो गयी हो। वे संकट में थे सो उन्होंने सहायता पाने को यहोवा को पुकारा। तब यहोवा ने उनको संकटों से बचा लिया। परमेश्वर ने तूफान को रोका और लहरें शांत हो गयी। खिवैया प्रसन्न थे कि सागर शांत हुआ था। परमेश्वर उनको उसी सुरक्षित स्थान पर ले गया जहाँ वे जाना चाहते थे। यहोवा का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये धन्यवाद करो उन अद्भुत कामों के लिये जिन्हें वह लोगों के लिये करता है। महासभा के बीच उसका गुणगान करो। जब बुजुर्ग नेता आपस में मिलते हों उसकी प्रशंसा करों। परमेश्वर ने नदियाँ मरूभूमि में बदल दीं। परमेश्वर ने झरनों के प्रवाह को रोका। परमेश्वर ने उपजाऊँ भूमि को व्यर्थ की रेही भूमि में बदल दिया। क्यों क्योंकि वहाँ बसे दुष्ट लोगों ने बुरे कर्म किये थे। और परमेश्वर ने मरूभूमि को झीलों की धरती में बदला। उसने सूखी धरती से जल के स्रोत बहा दिये। परमेश्वर भूखे जनों को उस अच्छी धरती पर ले गया और उन लोगों ने अपने रहने को वहाँ एक नगर बसाया। फिर उन लोगों ने अपने खेतों में बीजों को रोप दिया। उन्होंने बगीचों में अंगूर रोप दिये, और उन्होंने एक उत्तम फसल पा ली। परमेश्वर ने उन लोगों को आशिर्वाद दिया। उनके परिवार फलने फूलने लगे। उनके पास बहुत सारे पशु हुए। उनके परिवार विनाश और संकट के कारण छोटे थे और वे दुर्बल थे। परमेश्वर ने उनके प्रमुखों को कुचला और अपमानित किया था। परमेश्वर ने उनको पथहीन मरूभूमि में भटकाया। किन्तु परमेश्वर ने तभी उन दीन लोगों को उनकी याचना से बचा कर निकाल लिया। अब तो उनके घराने बड़े हैं, उतने बड़े जितनी भेड़ों के झुण्ड। भले लोग इसको देखते हैं और आनन्दित होते हैं, किन्तु कुटिल इसको देखते हैं और नहीं जानते कि वे क्या कहें। यदि कोई व्यक्ति विवेकी है तो वह इन बातों को याद रखेगा। यदि कोई व्यक्ति विवेकी है तो वह समझेगा कि सचमुच परमेश्वर का प्रेम कैसा है।

भजन संहिता 107:1-43 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

प्रभु की सराहना करो, क्‍योंकि वह भला है; क्‍योंकि उसकी करुणा सदा बनी रहती है! प्रभु द्वारा मुक्‍त किए गए लोग, जिन्‍हें बैरी के हाथ से उसने मुक्‍त किया है, जिन्‍हें भिन्न-भिन्न देशों से, पूर्व और पश्‍चिम, उत्तर और दक्षिण से एकत्र किया है, वे प्रभु की सराहना करें। कुछ निर्जन प्रदेश में, उजाड़ खण्‍ड में भटक रहे थे, उन्‍हें बस्‍ती का मार्ग नहीं मिला था। भूख और प्‍यास के कारण उनके प्राण मूर्छित हो गए थे। तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें छुड़ाया। वह उन्‍हें सीधे मार्ग पर ले गया कि वे बस्‍ती में पहुंच जाएं। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मो के लिए वे उसकी सराहना करें। प्रभु प्‍यासे प्राण को तृप्‍त करता है, वह भूखे व्यक्‍ति को भली वस्‍तु से सन्‍तुष्‍ट करता है। कुछ अन्‍धकार और मृत्‍यु-छाया में बैठे थे, पीड़ा और लोहे में जकड़े थे, क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्‍वर के वचनों के प्रति विद्रोह किया, और सर्वोच्‍च प्रभु के परामर्श को तुच्‍छ समझा था। अत: उनके हृदय कष्‍ट से दबा दिए गए; वे गिर पड़े, और उनका कोई सहायक न था। तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया; वह उन्‍हें अन्‍धकार और मृत्‍यु-छाया से निकाल लाया; उसने उनकी बेड़ियां तोड़ डालीं। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए वे उसकी सराहना करें। प्रभु पीतल के द्वार भी तोड़ डालता है, वह लोहे के छड़ों को भी टुकड़े-टुकड़े करता है। कुछ अपने अपराधपूर्ण आचरण के कारण रोगी और कुकर्मों के कारण पीड़ित थे। उनको भोजन से अरुचि हो गई थी, और वे मृत्‍यु-द्वार तक पहुंच चुके थे। तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया; उसने अपना वचन भेजकर उन्‍हें स्‍वस्‍थ किया, और विनाश से उनकी रक्षा की। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए, वे उसकी सराहना करें। वे स्‍तुति-बलि अर्पित करें और जयजयकार सहित उसके कार्यों का वर्णन करें। कुछ जलयानों में समुद्र पर गए थे, वे महासागर में व्‍यापार करते थे। उन्‍होंने प्रभु के कार्यों को, गहरे सागर में किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों को देखा। प्रभु ने आज्ञा दी, और तूफान आ गया, जिसने लहरों को उठा दिया। जलयान आकाश तक ऊंचे उठ जाते, और फिर सागर की गहराइयों में नीचे आ जाते थे; संकट के कारण उनके प्राण पलायन करने लगे थे। वे लुढ़कते थे, शराबी के समान लड़खड़ाते थे, और उनकी बुद्धि नष्‍ट हो चुकी थी! तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया। प्रभु ने तूफान को शान्‍त किया, और सागर की लहरें स्‍थिर हो गई। तब वे आनन्‍दित हुए, क्‍योंकि उन्‍हें शान्‍ति मिली; प्रभु ने उन्‍हें उनके बन्‍दरस्‍थान तक पहुंचा दिया, जहां वे जाना चाहते थे। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए, वे उसकी सराहना करें। वे लोगों की मण्‍डली में उसकी अत्‍यधिक प्रशंसा करें, धर्मवृद्धों की सभा में उसकी स्‍तुति करें! प्रभु नदियों को मरुभूमि में, झरनों को शुष्‍क भूमि में, वहां के निवासियों की दुष्‍टता के कारण फलवन्‍त भूमि को लोनी मिट्टी में बदल डालता है। वह मरुभूमि को जलाशय में, निर्जल भूमि को जल के झरनों में बदल देता है। तब वह वहां भूखों को बसाता है, और वे बसने के लिए नगर का निर्माण करते हैं। वे भूमि में बीज बोते, अंगूर के बाग लगाते, और अधिकाधिक फल प्राप्‍त करते हैं। प्रभु उनको आशिष देता है कि वे बढ़ते जाएं; वह उनके पशुओं को भी घटने नहीं देता है। जब वे दमन, संकट और दु:ख के कारण घटते और दब जाते हैं तब प्रभु शासकों पर पराजय के अपमान की वर्षा करता है, और उन्‍हें मार्गहीन उजाड़ खण्‍ड में भटकाता है। किन्‍तु वह दरिद्र को पीड़ा से निकाल कर उन्नत करता है, वह उनके परिवारों को रेवड़ के सदृश विशाल बनाता है। निष्‍कपट व्यक्‍ति यह देखकर आनन्‍दित होते हैं; दुष्‍टता अपना मुंह बन्‍द रखती है। जो बुद्धिमान है, वह इन बातों पर ध्‍यान दे; लोग प्रभु की करुणा पर विचार करें।

भजन संहिता 107:1-43 Hindi Holy Bible (HHBD)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है, और उन्हें देश देश से पूरब- पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है॥ वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया; और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे। लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है॥ जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, इसलिये कि वे ईश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। तब उसने उन को कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उन को कोई सहायक न मिला। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया; उसने उन को अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उन के बन्धनों को तोड़ डाला। लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया॥ मूढ़ अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दु:खित होते हैं। उनका जी सब भांति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुंचते हैं। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और व सकेती से उनका उद्धार करता है; वह अपने वचन के द्वारा उन को चंगा करता और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है। लोग यहोवा की करूणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! और वे धन्यवाद बलि चढ़ाएं, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें॥ जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं; वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहिरे समुद्र में करता है, देखते हैं। क्योंकि वह आज्ञा देता है, वह प्रचण्ड बयार उठकर तरंगों को उठाती है। वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता; वे चक्कर खाते, और मत वाले की नाईं लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उन को सकेती से निकालता है। वह आंधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं। तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उन को मन चाहे बन्दर स्थान में पहुंचा देता है। लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें॥ वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है। वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहां के रहने वालों की दुष्टता के कारण होता है। वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है। और वहां वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें; और खेती करें, और दाख की बारियां लगाएं, और भांति भांति के फल उपजा लें। और वह उन को ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता॥ फिर अन्धेर, विपत्ति और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते हैं। और वह हाकिमों को अपमान से लाद कर मार्ग रहित जंगल में भटकाता है; वह दरिद्रों को दु:ख से छुड़ा कर ऊंचे पर रखता है, और उन को भेड़ों के झुंड सा परिवार देता है। सीधे लोग देख कर आनन्दित होते हैं; और सब कुटिल लोग अपने मुंह बन्द करते हैं। जो कोई बुद्धिमान हो, वह इन बातों पर ध्यान करेगा; और यहोवा की करूणा के कामों पर ध्यान करेगा॥

भजन संहिता 107:1-43 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने शत्रु के हाथ से दाम देकर छुड़ा लिया है, और उन्हें देश-देश से, पूरब-पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से इकट्ठा किया है। (भज. 106:47) वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया; और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुँचे। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है। (लूका 1:53, यिर्म. 31:25) जो अंधियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दुःख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, इसलिए कि वे परमेश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। तब उसने उनको कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उनको कोई सहायक न मिला। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया; उसने उनको अंधियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उनके बन्धनों को तोड़ डाला। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेंड़ों को टुकड़े-टुकड़े किया। मूर्ख अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दुःखित होते हैं। उनका जी सब भाँति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुँचते हैं। तब वे संकट में यहोवा की दुहाई देते हैं, और वह सकेती से उनका उद्धार करता है; वह अपने वचन के द्वारा उनको चंगा करता और जिस गड्ढे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है। (भज. 147:15) लोग यहोवा की करुणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! और वे धन्यवाद-बलि चढ़ाएँ, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें। जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं; वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहरे समुद्र में करता है, देखते हैं। क्योंकि वह आज्ञा देता है, तब प्रचण्ड वायु उठकर तरंगों को उठाती है। वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता; वे चक्कर खाते, और मतवालों की भाँति लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है। तब वे संकट में यहोवा की दुहाई देते हैं, और वह उनको सकेती से निकालता है। वह आँधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं। तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उनको मन चाहे बन्दरगाह में पहुँचा देता है। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें। वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है। वह फलवन्त भूमि को बंजर बनाता है, यह वहाँ के रहनेवालों की दुष्टता के कारण होता है। वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है। और वहाँ वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें; और खेती करें, और दाख की बारियाँ लगाएँ, और भाँति-भाँति के फल उपजा लें। और वह उनको ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता। फिर विपत्ति और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते हैं। और वह हाकिमों को अपमान से लादकर मार्ग रहित जंगल में भटकाता है; वह दरिद्रों को दुःख से छुड़ाकर ऊँचे पर रखता है, और उनको भेड़ों के झुण्ड के समान परिवार देता है। सीधे लोग देखकर आनन्दित होते हैं; और सब कुटिल लोग अपने मुँह बन्द करते हैं। जो कोई बुद्धिमान हो, वह इन बातों पर ध्यान करेगा; और यहोवा की करुणा के कामों पर ध्यान करेगा।

भजन संहिता 107:1-43 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह का धन्यवाद करो, वे भले हैं; उनकी करुणा सदा की है. यह नारा उन सबका हो, जो याहवेह द्वारा उद्धारित हैं, जिन्हें उन्होंने विरोधियों से मुक्त किया है, जिन्हें उन्होंने पूर्व और पश्चिम से, उत्तर और दक्षिण से, विभिन्‍न देशों से एकत्र कर एकजुट किया है. कुछ निर्जन वन में भटक रहे थे, जिन्हें नगर की ओर जाता हुआ कोई मार्ग न मिल सका. वे भूखे और प्यासे थे, वे दुर्बल होते जा रहे थे. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. उन्होंने उन्हें सीधे-समतल पथ से ऐसे नगर में पहुंचा दिया जहां वे जाकर बस सकते थे. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के लिए किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें, क्योंकि वह प्यासी आत्मा के प्यास को संतुष्ट करते तथा भूखे को उत्तम आहार से तृप्‍त करते हैं. कुछ ऐसे थे, जो अंधकार में, गहनतम मृत्यु की छाया में बैठे हुए थे, वे बंदी लोहे की बेड़ियों में यातना सह रहे थे, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के आदेशों के विरुद्ध विद्रोह किया था और सर्वोच्च परमेश्वर के निर्देशों को तुच्छ समझा था. तब परमेश्वर ने उन्हें कठोर श्रम के कार्यों में लगा दिया; वे लड़खड़ा जाते थे किंतु कोई उनकी सहायता न करता था. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. परमेश्वर ने उन्हें अंधकार और मृत्यु-छाया से बाहर निकाल लिया, और उनकी बेड़ियों को तोड़ डाला. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें, क्योंकि वही कांस्य द्वारों को तोड़ देते तथा लोहे की छड़ों को काटकर विभक्त कर डालते हैं. कुछ ऐसे भी थे, जो विद्रोह का मार्ग अपनाकर मूर्ख प्रमाणित हुए, जिसका परिणाम यह हुआ, कि उन्हें अपने अपराधों के कारण ही पीड़ा सहनी पड़ी. उन्हें सभी प्रकार के भोजन से घृणा हो गई और वे मृत्यु-द्वार तक पहुंच गए. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. उन्होंने आदेश दिया और वे स्वस्थ हो गए और उन्होंने उन्हें उनके विनाश से बचा लिया. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें. वे धन्यवाद बलि अर्पित करें और हर्षगीतों के माध्यम से उनके कार्यों का वर्णन करें. कुछ वे थे, जो जलयानों में समुद्री यात्रा पर चले गए; वे महासागर पार जाकर व्यापार करते थे. उन्होंने याहवेह के महाकार्य देखे, वे अद्भुत कार्य, जो समुद्र में किए गए थे. याहवेह आदेश देते थे और बवंडर उठ जाता था, जिसके कारण समुद्र पर ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगती थीं. वे जलयान आकाश तक ऊंचे उठकर गहराइयों तक पहुंच जाते थे; जोखिम की इस बुराई की स्थिति में उनका साहस जाता रहा. वे मतवालों के समान लुढ़कते और लड़खड़ा जाते थे; उनकी मति भ्रष्‍ट हो चुकी थी. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. याहवेह ने बवंडर को शांत किया और समुद्र की लहरें स्तब्ध हो गईं. लहरों के शांत होने पर उनमें हर्ष की लहर दौड़ गई, याहवेह ने उन्हें उनके मनचाहे बंदरगाह तक पहुंचा दिया. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें. वे जनसमूह के सामने याहवेह का भजन करें, वे अगुओं की सभा में उनकी महिमा करें. परमेश्वर ने नदियां मरुभूमि में बदल दीं, परमेश्वर ने झरनों के प्रवाह को रोका. वहां के निवासियों की दुष्टता के कारण याहवेह नदियों को वन में, नदी को शुष्क भूमि में और उर्वर भूमि को निर्जन भूमि में बदल देते हैं. याहवेह ही वन को जलाशय में बदल देते हैं और शुष्क भूमि को झरनों में; वहां वह भूखों को बसने देते हैं, कि वे वहां बसने के लिये एक नगर स्थापित कर दें, कि वे वहां कृषि करें, द्राक्षावाटिका का रोपण करें तथा इनसे उन्हें बड़ा उपज प्राप्‍त हो. याहवेह ही की कृपादृष्टि में उनकी संख्या में बहुत वृद्धि होने लगती है, याहवेह उनके पशु धन की हानि नहीं होने देते. जब उनकी संख्या घटने लगती है और पीछे, क्लेश और शोक के कारण उनका मनोबल घटता और दब जाता है, परमेश्वर उन अधिकारियों पर निंदा-वृष्टि करते हैं, वे मार्ग रहित वन में भटकाने के लिए छोड़ दिए जाते हैं. किंतु याहवेह दुःखी को पीड़ा से बचाकर उनके परिवारों को भेड़ों के झुंड समान वृद्धि करते हैं. यह सब देख सीधे लोग उल्‍लसित होते हैं, और दुष्टों को चुप रह जाना पड़ता है. जो कोई बुद्धिमान है, इन बातों का ध्यान रखे और याहवेह के करुणा-प्रेम पर विचार करता रहे.

भजन संहिता 107:1-43

भजन संहिता 107:1-43 HINCLBSIभजन संहिता 107:1-43 HINCLBSI

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