भजन संहिता 107:1-21

भजन संहिता 107:1-21 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने शत्रु के हाथ से दाम देकर छुड़ा लिया है, और उन्हें देश देश से, पूरब–पश्‍चिम, उत्तर और दक्षिण से इकट्ठा किया है। वे जंगल में मरुभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया; और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुँचे। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्‍ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्‍त करता है। जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, इसलिये कि वे परमेश्‍वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। तब उसने उनको कष्‍ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उनको कोई सहायक न मिला। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया; उसने उनको अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उनके बन्धनों को तोड़ डाला। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें। क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया। मूढ़ अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दु:खित होते हैं। उनका जी सब भाँति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुँचते हैं। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह सकेती से उनका उद्धार करता है; वह अपने वचन के द्वारा उनको चंगा करता और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्‍चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।

भजन संहिता 107:1-21 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह उत्तम है। उसका प्रेम अमर है। हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने बचाया है, इन राष्ट्रों को कहे। हर कोई ऐसा व्यक्ति जिसे यहोवा ने अपने शत्रुओं से छुड़ाया उसके गुण गाओ। यहोवा ने निज भक्तों को बहुत से अलग अलग देशों से इकट्ठा किया है। उसने उन्हें पूर्व और पश्चिम से, उत्तर और दक्षिण से जुटाया है। कुछ लोग निर्जन मरूभूमि में भटकते रहे। वे लोग ऐसे एक नगर की खोज में थे जहाँ वे रह सकें। किन्तु उन्हें कोई ऐसा नगर नहीं मिला। वे लोग भूखे थे और प्यासे थे और वे दुर्बल होते जा रहे थे। ऐसे उस संकट में सहारा पाने को उन्होंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन सभी लोगों को उनके संकट से बचा लिया। परमेश्वर उन्हें सीधा उन नगरों में ले गया जहाँ वे बसेंगे। परमेश्वर का धन्यवाद करो उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कर्मों के लिये जिन्हें वह अपने लोगों के लिये करता है। प्यासी आत्मा को परमेश्वर सन्तुष्ट करता है। परमेश्वर उत्तम वस्तुओं से भूखी आत्मा का पेट भरता है। परमेश्वर के कुछ भक्त बन्दी बने ऐसे बन्दीगृह में, वे तालों में बंद थे, जिसमें घना अंधकार था। क्यों? क्योंकि उन लोगों ने उन बातों के विरूद्ध लड़ाईयाँ की थी जो परमेश्वर ने कहीं थी, परम परमेश्वर की सम्मति को उन्होंने सुनने से नकारा था। परमेश्वर ने उनके कर्मो के लिये जो उन्होंने किये थे उन लोगों के जीवन को कठिन बनाया। उन्होंने ठोकर खाई और वे गिर पड़े, और उन्हें सहारा देने कोई भी नहीं मिला। वे व्यक्ति संकट में थे, इसलिए सहारा पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उनके संकटों से उनकी रक्षा की। परमेश्वर ने उनको उनके अंधेरे कारागारों से उबार लिया। परमेश्वर ने वे रस्से काटे जिनसे उनको बाँधा गया था। यहोवा का धन्यवाद करो। उसके प्रेम के लिये और उन अद्भुत कामों के लिये जिन्हें वह लोगों के लिये करता है उसका धन्यवाद करो। परमेश्वर हमारे शत्रुओं को हराने में हमें सहायता देता है। उनके काँसें के द्वारों को परमेश्वर तोड़ गिरा सकता है। परमेश्वर उनके द्वारों पर लगी लोहे कि आगलें छिन्न—भिन्न कर सकता है। कुछ लोग अपने अपराधों और अपने पापों से जड़मति बने। उन लोगों ने खाना छोड़ दिया और वे मरे हुए से हो गये। वे संकट में थे सो उन्होंने सहायता पाने को यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन्हें उनके संकटों से बचा लिया। परमेश्वर ने आदेश दिया और लोगों को चँगा किया। इस प्रकार वे व्यक्ति कब्रों से बचाये गये। उसके प्रेम के लिये यहोवा का धन्यवाद करो उसके वे अद्भुत कामों के लिये उसका धन्यवाद करो जिन्हें वह लोगों के लिये करता है।

भजन संहिता 107:1-21 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

प्रभु की सराहना करो, क्‍योंकि वह भला है; क्‍योंकि उसकी करुणा सदा बनी रहती है! प्रभु द्वारा मुक्‍त किए गए लोग, जिन्‍हें बैरी के हाथ से उसने मुक्‍त किया है, जिन्‍हें भिन्न-भिन्न देशों से, पूर्व और पश्‍चिम, उत्तर और दक्षिण से एकत्र किया है, वे प्रभु की सराहना करें। कुछ निर्जन प्रदेश में, उजाड़ खण्‍ड में भटक रहे थे, उन्‍हें बस्‍ती का मार्ग नहीं मिला था। भूख और प्‍यास के कारण उनके प्राण मूर्छित हो गए थे। तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें छुड़ाया। वह उन्‍हें सीधे मार्ग पर ले गया कि वे बस्‍ती में पहुंच जाएं। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मो के लिए वे उसकी सराहना करें। प्रभु प्‍यासे प्राण को तृप्‍त करता है, वह भूखे व्यक्‍ति को भली वस्‍तु से सन्‍तुष्‍ट करता है। कुछ अन्‍धकार और मृत्‍यु-छाया में बैठे थे, पीड़ा और लोहे में जकड़े थे, क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्‍वर के वचनों के प्रति विद्रोह किया, और सर्वोच्‍च प्रभु के परामर्श को तुच्‍छ समझा था। अत: उनके हृदय कष्‍ट से दबा दिए गए; वे गिर पड़े, और उनका कोई सहायक न था। तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया; वह उन्‍हें अन्‍धकार और मृत्‍यु-छाया से निकाल लाया; उसने उनकी बेड़ियां तोड़ डालीं। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए वे उसकी सराहना करें। प्रभु पीतल के द्वार भी तोड़ डालता है, वह लोहे के छड़ों को भी टुकड़े-टुकड़े करता है। कुछ अपने अपराधपूर्ण आचरण के कारण रोगी और कुकर्मों के कारण पीड़ित थे। उनको भोजन से अरुचि हो गई थी, और वे मृत्‍यु-द्वार तक पहुंच चुके थे। तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया; उसने अपना वचन भेजकर उन्‍हें स्‍वस्‍थ किया, और विनाश से उनकी रक्षा की। प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए, वे उसकी सराहना करें।

भजन संहिता 107:1-21 Hindi Holy Bible (HHBD)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है, और उन्हें देश देश से पूरब- पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है॥ वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया; और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे। लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है॥ जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, इसलिये कि वे ईश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। तब उसने उन को कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उन को कोई सहायक न मिला। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया; उसने उन को अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उन के बन्धनों को तोड़ डाला। लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया॥ मूढ़ अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दु:खित होते हैं। उनका जी सब भांति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुंचते हैं। तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और व सकेती से उनका उद्धार करता है; वह अपने वचन के द्वारा उन को चंगा करता और जिस गड़हे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है। लोग यहोवा की करूणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

भजन संहिता 107:1-21 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है! यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने शत्रु के हाथ से दाम देकर छुड़ा लिया है, और उन्हें देश-देश से, पूरब-पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से इकट्ठा किया है। (भज. 106:47) वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया; भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया; और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुँचे। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है। (लूका 1:53, यिर्म. 31:25) जो अंधियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दुःख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे, इसलिए कि वे परमेश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना। तब उसने उनको कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उनको कोई सहायक न मिला। तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया; उसने उनको अंधियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उनके बन्धनों को तोड़ डाला। लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें! क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेंड़ों को टुकड़े-टुकड़े किया। मूर्ख अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दुःखित होते हैं। उनका जी सब भाँति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुँचते हैं। तब वे संकट में यहोवा की दुहाई देते हैं, और वह सकेती से उनका उद्धार करता है; वह अपने वचन के द्वारा उनको चंगा करता और जिस गड्ढे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है। (भज. 147:15) लोग यहोवा की करुणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

भजन संहिता 107:1-21 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह का धन्यवाद करो, वे भले हैं; उनकी करुणा सदा की है. यह नारा उन सबका हो, जो याहवेह द्वारा उद्धारित हैं, जिन्हें उन्होंने विरोधियों से मुक्त किया है, जिन्हें उन्होंने पूर्व और पश्चिम से, उत्तर और दक्षिण से, विभिन्‍न देशों से एकत्र कर एकजुट किया है. कुछ निर्जन वन में भटक रहे थे, जिन्हें नगर की ओर जाता हुआ कोई मार्ग न मिल सका. वे भूखे और प्यासे थे, वे दुर्बल होते जा रहे थे. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. उन्होंने उन्हें सीधे-समतल पथ से ऐसे नगर में पहुंचा दिया जहां वे जाकर बस सकते थे. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के लिए किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें, क्योंकि वह प्यासी आत्मा के प्यास को संतुष्ट करते तथा भूखे को उत्तम आहार से तृप्‍त करते हैं. कुछ ऐसे थे, जो अंधकार में, गहनतम मृत्यु की छाया में बैठे हुए थे, वे बंदी लोहे की बेड़ियों में यातना सह रहे थे, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के आदेशों के विरुद्ध विद्रोह किया था और सर्वोच्च परमेश्वर के निर्देशों को तुच्छ समझा था. तब परमेश्वर ने उन्हें कठोर श्रम के कार्यों में लगा दिया; वे लड़खड़ा जाते थे किंतु कोई उनकी सहायता न करता था. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. परमेश्वर ने उन्हें अंधकार और मृत्यु-छाया से बाहर निकाल लिया, और उनकी बेड़ियों को तोड़ डाला. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें, क्योंकि वही कांस्य द्वारों को तोड़ देते तथा लोहे की छड़ों को काटकर विभक्त कर डालते हैं. कुछ ऐसे भी थे, जो विद्रोह का मार्ग अपनाकर मूर्ख प्रमाणित हुए, जिसका परिणाम यह हुआ, कि उन्हें अपने अपराधों के कारण ही पीड़ा सहनी पड़ी. उन्हें सभी प्रकार के भोजन से घृणा हो गई और वे मृत्यु-द्वार तक पहुंच गए. अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा, याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया. उन्होंने आदेश दिया और वे स्वस्थ हो गए और उन्होंने उन्हें उनके विनाश से बचा लिया. उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें.

भजन संहिता 107:1-21

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