भजन संहिता 102:17-28

भजन संहिता 102:17-28 पवित्र बाइबल (HERV)

जिन लोगों को उसने जीवित छोड़ा है, परमेश्वर उनकी प्रार्थनाएँ सुनेगा। परमेश्वर उनकी विनतियों का उत्तर देगा। उन बातों को लिखो ताकि भविष्य के पीढ़ी पढ़े। और वे लोग आने वाले समय में यहोवा के गुण गायेंगे। यहोवा अपने ऊँचे पवित्र स्थान से नीचे झाँकेगा। यहोवा स्वर्ग से नीचे धरती पर झाँकेगा। वह बंदी की प्रार्थनाएँ सुनेगा। वह उन व्यक्तियों को मुक्त करेगा जिनको मृत्युदण्ड दिया गया। फिर सिय्योन में लोग यहोवा का बखान करेंगे। यरूशलेम में लोग यहोवा का गुण गायेंगे। ऐसा तब होगा जब यहोवा लोगों को फिर एकत्र करेगा, ऐसा तब होगा जब राज्य यहोवा की सेवा करेंगे। मेरी शक्ति ने मुझको बिसार दिया है। यहोवा ने मेरा जीवन घटा दिया है। इसलिए मैंने कहा, “मेरे प्राण छोटी उम्र में मत हरा। हे परमेश्वर, तू सदा और सर्वदा अमर रहेगा। बहुत समय पहले तूने संसार रचा! तूने स्वयं अपने हाथों से आकाश रचा। यह जगत और आकाश नष्ट हो जायेंगे, किन्तु तू सदा ही जीवित रहेगा! वे वस्त्रों के समान जीर्ण हो जायेंगे। वस्त्रों के समान ही तू उन्हें बदलेगा। वे सभी बदल दिये जायेंगे। हे परमेश्वर, किन्तु तू कभी नहीं बदलता: तू सदा के लिये अमर रहेगा। आज हम तेरे दास है, हमारी संतान भविष्य में यही रहेंगी और उनकी संताने यहीं तेरी उपासना करेंगी।”

भजन संहिता 102:17-28 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

वह दीन-दु:खियों की प्रार्थना की ओर मुख करेगा; वह उनकी प्रार्थना की उपेक्षा नहीं करेगा। यह भावी पीढ़ी के लिए लिख लिया जाए, ताकि सन्‍तति, जो उत्‍पन्न होगी, प्रभु की स्‍तुति करे: प्रभु ने ऊंचे पवित्र स्‍थान से नीचे निहारा, उसने स्‍वर्ग से पृथ्‍वी पर दृष्‍टिपात किया, जिससे वह बन्‍दियों का कराहना सुने, मृत्‍यु-दण्‍ड पाए हुओं को स्‍वतन्‍त्र करे; ताकि लोग सियोन में प्रभु के नाम का पाठ करें, और वे यरूशलेम में उसकी स्‍तुति करें। उस समय विजातियाँ और उनके राजा, प्रभु की सेवा के लिए एकत्र होंगे। प्रभु ने मार्ग में ही मेरे बल को घटा दिया, मेरी आयु के दिन उसने कम कर दिए। मैं यह कहता हूँ, ‘हे मेरे परमेश्‍वर! तेरी आयु पीढ़ी से पीढ़ी तक स्‍थिर है, तू मेरी पकी आयु के पूर्व मुझे न उठा।’ तूने आदि में पृथ्‍वी की नींव डाली, आकाश तेरे हाथों की कृति है। सब नष्‍ट हो जाएंगे, परन्‍तु तू अटल है; वे वस्‍त्र के सदृश जीर्ण हो जाएंगे। तू उनको वस्‍त्र की भाँति बदल देता है, अत: वे बदल जाते हैं; पर तू वैसा ही है; तेरी आयु का अन्‍त नहीं। तेरे सेवकों की सन्‍तान सुरक्षित निवास करेगी, और उसके वंशज तेरे सम्‍मुख स्‍थिर होंगे।

भजन संहिता 102:17-28 Hindi Holy Bible (HHBD)

वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुंह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता। यह बात आने वाली पीढ़ी के लिये लिखी जाएगी, और एक जाति जो सिरजी जाएगी वही याह की स्तुति करेगी। क्योंकि यहोवा ने अपने ऊंचे और पवित्र स्थान से दृष्टि करके स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है, ताकि बन्धुओं का कराहना सुने, और घात होन वालों के बन्धन खोले; और सिय्योन में यहोवा के नाम का वर्णन किया जाए, और यरूशलेम में उसकी स्तुति की जाए; यह उस समय होगा जब देश देश, और राज्य राज्य के लोग यहोवा की उपासना करने को इकट्ठे होंगे॥ उसने मुझे जीवन यात्रा में दु:ख देकर, मेरे बल और आयु को घटाया। मैं ने कहा, हे मेरे ईश्वर, मुझे आधी आयु में न उठा ले, मेरे वर्ष पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहेंगे! आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है। वह तो नाश होगा, परन्तु तू बना रहेगा; और वह सब कपड़े के समान पुराना हो जाएगा। तू उसको वस्त्र की नाईं बदलेगा, और वह तो बदल जाएगा; परन्तु तू वहीं है, और तेरे वर्षों का अन्त नहीं होने का। तेरे दासों की सन्तान बनी रहेगी; और उनका वंश तेरे साम्हने स्थिर रहेगा॥

भजन संहिता 102:17-28 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुँह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता। यह बात आनेवाली पीढ़ी के लिये लिखी जाएगी, और एक जाति जो सिरजी जाएगी वही याह की स्तुति करेगी। क्योंकि यहोवा ने अपने ऊँचे और पवित्रस्थान से दृष्‍टि करके स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है, ताकि बन्दियों का कराहना सुने, और घात होनेवालों के बन्धन खोले; और सिय्योन में यहोवा के नाम का वर्णन किया जाए, और यरूशलेम में उसकी स्तुति की जाए; यह उस समय होगा जब देश देश, और राज्य राज्य के लोग यहोवा की उपासना करने को इकट्ठा होंगे। उसने मुझे जीवन यात्रा में दु:ख देकर, मेरे बल और आयु को घटाया। मैं ने कहा, “हे मेरे ईश्‍वर, मुझे आधी आयु में न उठा ले, तेरे वर्ष पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहेंगे!” आदि में तू ने पृथ्वी की नींव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है। वह तो नष्‍ट होगा, परन्तु तू बना रहेगा; और वह सब कपड़े के समान पुराना हो जाएगा। तू उसको वस्त्र के समान बदलेगा, और वह बदल जाएगा; परन्तु तू वही है, और तेरे वर्षों का अन्त नहीं होने का। तेरे दासों की सन्तान बनी रहेगी; और उनका वंश तेरे सामने स्थिर रहेगा।

भजन संहिता 102:17-28 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुँह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता। यह बात आनेवाली पीढ़ी के लिये लिखी जाएगी, ताकि एक जाति जो उत्पन्न होगी, वह यहोवा की स्तुति करे। क्योंकि यहोवा ने अपने ऊँचे और पवित्रस्थान से दृष्टि की; स्वर्ग से पृथ्वी की ओर देखा है, ताकि बन्दियों का कराहना सुने, और घात होनेवालों के बन्धन खोले; तब लोग सिय्योन में यहोवा के नाम का वर्णन करेंगे, और यरूशलेम में उसकी स्तुति की जाएगी; यह उस समय होगा जब देश-देश, और राज्य-राज्य के लोग यहोवा की उपासना करने को इकट्ठे होंगे। उसने मुझे जीवन यात्रा में दुःख देकर, मेरे बल और आयु को घटाया। मैंने कहा, “हे मेरे परमेश्वर, मुझे आधी आयु में न उठा ले, तेरे वर्ष पीढ़ी से पीढ़ी तक बने रहेंगे!” आदि में तूने पृथ्वी की नींव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है। वह तो नाश होगा, परन्तु तू बना रहेगा; और वह सब कपड़े के समान पुराना हो जाएगा। तू उसको वस्त्र के समान बदलेगा, और वह मिट जाएगा; परन्तु तू वहीं है, और तेरे वर्षों का अन्त न होगा। तेरे दासों की सन्तान बनी रहेगी; और उनका वंश तेरे सामने स्थिर रहेगा।

भजन संहिता 102:17-28 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह लाचार की प्रार्थना का प्रत्युत्तर देते हैं; उन्होंने उनकी गिड़गिड़ाहट का तिरस्कार नहीं किया. भावी पीढ़ी के हित में यह लिखा जाए, कि वे, जो अब तक अस्तित्व में ही नहीं आए हैं, याहवेह का स्तवन कर सकें: “याहवेह ने अपने महान मंदिर से नीचे की ओर दृष्टि की, उन्होंने स्वर्ग से पृथ्वी पर दृष्टि की, कि वह बंदियों का कराहना सुनें और उन्हें मुक्त कर दें, जिन्हें मृत्यु दंड दिया गया है.” कि मनुष्य ज़ियोन में याहवेह की महिमा की घोषणा कर सकें तथा येरूशलेम में उनका स्तवन, जब लोग तथा राज्य याहवेह की वंदना के लिए एकत्र होंगे. मेरी जीवन यात्रा पूर्ण भी न हुई थी, कि उन्होंने मेरा बल शून्य कर दिया; उन्होंने मेरी आयु घटा दी. तब मैंने आग्रह किया: “मेरे परमेश्वर, मेरे जीवन के दिनों के पूर्ण होने के पूर्व ही मुझे उठा न लीजिए; आप तो पीढ़ी से पीढ़ी स्थिर ही रहते हैं. प्रभु, आपने प्रारंभ में ही पृथ्वी की नींव रखी, तथा आकाशमंडल आपके ही हाथों की कारीगरी है. वे तो नष्ट हो जाएंगे किंतु आप अस्तित्व में ही रहेंगे; वे सभी वस्त्र समान पुराने हो जाएंगे. आप उन्हें वस्त्रों के ही समान परिवर्तित कर देंगे उनका अस्तित्व समाप्‍त हो जाएगा. आप न बदलनेवाले हैं, आपकी आयु का कोई अंत नहीं. आपके सेवकों की सन्तति आपकी उपस्थिति में निवास करेंगी; उनके वंशज आपके सम्मुख स्थिर रहेंगे.”

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