भजन संहिता 102:1-11

भजन संहिता 102:1-11 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा मेरी प्रार्थना सुन! तू मेरी सहायता के लिये मेरी पुकार सुन। यहोवा जब मैं विपत्ति में होऊँ मुझ से मुख मत मोड़। जब मैं सहायता पाने को पुकारूँ तू मेरी सुन ले, मुझे शीघ्र उत्तर दे। मेरा जीवन वैसे बीत रहा जैसा उड़ जाता धुँआ। मेरा जीवन ऐसे है जैसे धीरे धीरे बुझती आग। मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है। मैं वैसा ही हूँ जैसा सूखी मुरझाती घास। अपनी वेदनाओं में मुझे भूख नहीं लगती। निज दु:ख के कारण मेरा भार घट रहा है। मैं अकेला हूँ जैसे कोई एकान्त निर्जन में उल्लू रहता हो। मैं अकेला हूँ जैसे कोई पुराने खण्डर भवनों में उल्लू रहता हो। मैं सो नहीं पाता मैं उस अकेले पक्षी सा हो गया हूँ, जो धत पर हो। मेरे शत्रु सदा मेरा अपमान करते है, और लोग मेरा नाम लेकर मेरी हँसी उड़ाते हैं। मेरा गहरा दु:ख बस मेरा भोजन है। मेरे पेयों में मेरे आँसू गिर रहे हैं। क्यों क्योंकि यहोवा तू मुझसे रूठ गया है। तूने ही मुझे ऊपर उठाया था, और तूने ही मुझको फेंक दिया। मेरे जीवन का लगभग अंत हो चुका है। वैसे ही जैसे शाम को लम्बी छायाएँ खो जाती है। मैं वैसा ही हूँ जैसे सूखी और मुरझाती घास।

भजन संहिता 102:1-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

हे प्रभु, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दुहाई तेरे समीप पहुँचे। मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा! अपने कान मेरी ओर कर; जिस समय मैं पुकारूं, मुझे अविलम्‍ब उत्तर दे। मेरे दिन धुएं के सदृश लुप्‍त हो जाते हैं; मेरी हड्डियाँ भट्टी जैसी धधक रही हैं। मेरा हृदय घास की भांति झुलसकर सूख गया है; मैं भोजन करना भी भूल गया हूँ। मेरी सिसकियों के स्‍वर के कारण मेरी अस्‍थियाँ त्‍वचा से चिपक गई हैं। मैं निर्जन प्रदेश के धनेश के सदृश हूं; मैं खण्‍डहरों के उल्‍लू जैसा बन गया हूँ। मैं जागता रहता हूँ; मैं छत पर एकाकी गौरे के समान हो गया हूँ। मेरे शत्रु दिन-भर मेरी निन्‍दा करते हैं; मुझ पर हंसने वाले मेरे नाम से शाप देते हैं! मैं रोटी के सदृश राख खाता हूँ, मैं अपने पेय में आंसू मिलाता हूँ, तेरे क्रोध, तेरे कोप के कारण; क्‍योंकि तूने मुझे उठाकर फेंक दिया है। मेरे दिन ढलती छाया के समान हैं, मैं घास के सदृश झुलस गया हूँ।

भजन संहिता 102:1-11 Hindi Holy Bible (HHBD)

हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे! मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूं, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले! क्योंकि मेरे दिन धुएं की नाईं उड़े जाते हैं, और मेरी हडि्डयां लुकटी के समान जल गई हैं। मेरा मन झुलसी हुई घास की नाईं सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूं। कराहते कराहते मेरा चमड़ा हडि्डयों में सट गया है। मैं जंगल के धनेश के समान हो गया हूं, मैं उजड़े स्थानों के उल्लू के समान बन गया हूं। मैं पड़ा पड़ा जागता रहता हूं और गौरे के समान हो गया हूं जो छत के ऊपर अकेला बैठता है। मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विराध की धुन में बावले हो रहे हैं, वे मेरा नाम लेकर शपथ खाते हैं। क्योंकि मैं ने रोटी की नाईं राख खाई और आंसू मिला कर पानी पीता हूं। यह तेरे क्रोध और कोप के कारण हुआ है, क्योंकि तू ने मुझे उठाया, और फिर फेंक दिया है। मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास की नाईं सूख चला हूं॥

भजन संहिता 102:1-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुँचे! मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझ से न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूँ, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले। क्योंकि मेरे दिन धूएँ के समान उड़े जाते हैं, और मेरी हड्डियाँ लुकटी के समान जल गई हैं। मेरा मन झुलसी हुई घास के समान सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूँ। कराहते कराहते मेरा चमड़ा हड्डियों में सट गया है। मैं जंगल के धनेस के समान हो गया हूँ, मैं उजड़े स्थानों के उल्‍लू के समान बन गया हूँ। मैं पड़ा पड़ा जागता रहता हूँ और गौरे के समान हो गया हूँ जो छत के ऊपर अकेला बैठता है। मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विरोध की धुन में बावले हो रहे हैं, वे मेरा नाम लेकर शपथ खाते हैं। क्योंकि मैं ने रोटी के समान राख खाई और आँसू मिलाकर पानी पीता हूँ। यह तेरे क्रोध और कोप के कारण हुआ है, क्योंकि तू ने मुझे उठाया, और फिर फेंक दिया है। मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास के समान सूख चला हूँ।

भजन संहिता 102:1-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दुहाई तुझ तक पहुँचे! मेरे संकट के दिन अपना मुख मुझसे न छिपा ले; अपना कान मेरी ओर लगा; जिस समय मैं पुकारूँ, उसी समय फुर्ती से मेरी सुन ले! क्योंकि मेरे दिन धुएँ के समान उड़े जाते हैं, और मेरी हड्डियाँ आग के समान जल गई हैं। मेरा मन झुलसी हुई घास के समान सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूँ। कराहते-कराहते मेरी चमड़ी हड्डियों में सट गई है। मैं जंगल के धनेश के समान हो गया हूँ, मैं उजड़े स्थानों के उल्लू के समान बन गया हूँ। मैं पड़ा-पड़ा जागता रहता हूँ और गौरे के समान हो गया हूँ जो छत के ऊपर अकेला बैठता है। मेरे शत्रु लगातार मेरी नामधराई करते हैं, जो मेरे विरुद्ध ठट्ठा करते है, वह मेरे नाम से श्राप देते हैं। क्योंकि मैंने रोटी के समान राख खाई और आँसू मिलाकर पानी पीता हूँ। यह तेरे क्रोध और कोप के कारण हुआ है, क्योंकि तूने मुझे उठाया, और फिर फेंक दिया है। मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास के समान सूख चला हूँ।

भजन संहिता 102:1-11 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

याहवेह, मेरी प्रार्थना सुनिए; सहायता के लिए मेरी पुकार आप तक पहुंचे. मेरी पीड़ा के समय मुझसे अपना मुखमंडल छिपा न लीजिए. जब मैं पुकारूं. अपने कान मेरी ओर कीजिए; मुझे शीघ्र उत्तर दीजिए. धुएं के समान मेरा समय विलीन होता जा रहा है; मेरी हड्डियां दहकते अंगारों जैसी सुलग रही हैं. घास के समान मेरा हृदय झुलस कर मुरझा गया है; मुझे स्मरण ही नहीं रहता कि मुझे भोजन करना है. मेरी सतत कराहटों ने मुझे मात्र हड्डियों एवं त्वचा का ढांचा बनाकर छोड़ा है. मैं वन के उल्लू समान होकर रह गया हूं, उस उल्लू के समान, जो खंडहरों में निवास करता है. मैं सो नहीं पाता, मैं छत के एकाकी पक्षी-सा हो गया हूं. दिन भर मैं शत्रुओं के ताने सुनता रहता हूं; जो मेरी निंदा करते हैं, वे मेरा नाम शाप के रूप में जाहिर करते हैं. राख ही अब मेरा आहार हो गई है और मेरे आंसू मेरे पेय के साथ मिश्रित होते रहते हैं. यह सब आपके क्रोध, उग्र कोप का परिणाम है क्योंकि आपने मुझे ऊंचा उठाया और आपने ही मुझे अलग फेंक दिया है. मेरे दिन अब ढलती छाया-समान हो गए हैं; मैं घास के समान मुरझा रहा हूं.