नीतिवचन 8:6-11
नीतिवचन 8:6-11 पवित्र बाइबल (HERV)
सुनो! क्योंकि मेरे पास कहने को उत्तम बातें हैं, अपना मुख खोलती हूँ, जो कहने को उचित हैं। मेरे मुख से तो वही निकलता है जो सत्य हैं, क्योंकि मेरे होंठों को दुष्टता से घृणा हैं। मेरे मुख के सभी शब्द न्यायपूर्ण होते हैं कोई भी कुटिल, अथवा भ्रान्त नहीं हैं। विचारशील जन के लिये वे सब साफ़ है और ज्ञानी जन के लिये सब दोष रहित है। चाँदी नहीं बल्कि तू मेरी शिक्षा ग्रहण कर उत्तम स्वर्ग नहीं बल्कि तू ज्ञान ले। सुबुद्धि, रत्नों, मणि माणिकों से अधिक मूल्यवान है। तेरी ऐसी मनचाही कोई वस्तु जिससे उसकी तुलना हो।”
नीतिवचन 8:6-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
मेरी बात सुनो, क्योंकि मैं तुम से श्रेष्ठ वचन कहूंगी; मेरे मुख से केवल उचित बातें ही निकलेंगी। मेरा मुंह केवल सत्य वचन ही कहेगा मेरे ओंठों को दुष्ट वचन से घृणा है। मेरे मुख के सब वचन धार्मिक होते हैं, उनमें छल-कपट और उलट-फेर नहीं होता। ये समझदार मनुष्यों के लिए सहज हैं, और ज्ञान पिपासुओं के लिए सीधे-सादे। चांदी को नहीं, वरन् मेरी शिक्षा को ग्रहण करो; सोने को नहीं, बल्कि मेरे ज्ञान को प्राप्त करो। क्योंकि मैं-बुद्धि मोतियों से श्रेष्ठ हूं; तुम्हारी किसी भी इष्ट वस्तु से मेरी तुलना नहीं हो सकती।
नीतिवचन 8:6-11 Hindi Holy Bible (HHBD)
सुनो, क्योंकि मैं उत्तम बातें कहूंगी, और जब मुंह खोलूंगी, तब उस से सीधी बातें निकलेंगी; क्योंकि मुझ से सच्चाई की बातों का वर्णन होगा; दुष्टता की बातों से मुझ को घृणा आती है॥ मेरे मुंह की सब बातें धर्म की होती हैं, उन में से कोई टेढ़ी वा उलट फेर की बात नहीं निकलती है। समझ वाले के लिये वे सब सहज, और ज्ञान के प्राप्त करने वालों के लिये अति सीधी हैं। चान्दी नहीं, मेरी शिक्षा ही को लो, और उत्तम कुन्दन से बढ़ कर ज्ञान को ग्रहण करो। क्योंकि बुद्धि, मूंगे से भी अच्छी है, और सारी मनभावनी वस्तुओं में कोई भी उसके तुल्य नहीं है।
नीतिवचन 8:6-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
सुनो, क्योंकि मैं उत्तम बातें कहूँगी, और जब मुँह खोलूँगी, तब उससे सीधी बातें निकलेंगी; क्योंकि मुझ से सच्चाई की बातों का वर्णन होगा; दुष्टता की बातों से मुझ को घृणा आती है। मेरे मुँह की सब बातें धर्म की होती हैं, उनमें से कोई टेढ़ी या उलट फेर की बात नहीं निकलती है। समझवाले के लिये वे सब सहज, और ज्ञान प्राप्त करनेवालों के लिये अति सीधी हैं। चाँदी नहीं, मेरी शिक्षा ही को लो, और उत्तम कुन्दन से बढ़कर ज्ञान को ग्रहण करो। क्योंकि बुद्धि, मूँगे से भी अच्छी है, और सारी मनभावनी वस्तुओं में कोई भी उसके तुल्य नहीं है।
नीतिवचन 8:6-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
सुनो, क्योंकि मैं उत्तम बातें कहूँगी, और जब मुँह खोलूँगी, तब उससे सीधी बातें निकलेंगी; क्योंकि मुझसे सच्चाई की बातों का वर्णन होगा; दुष्टता की बातों से मुझ को घृणा आती है। मेरे मुँह की सब बातें धर्म की होती हैं, उनमें से कोई टेढ़ी या उलट-फेर की बात नहीं निकलती है। समझवाले के लिये वे सब सहज, और ज्ञान प्राप्त करनेवालों के लिये अति सीधी हैं। चाँदी नहीं, मेरी शिक्षा ही को चुन लो, और उत्तम कुन्दन से बढ़कर ज्ञान को ग्रहण करो। क्योंकि बुद्धि, बहुमूल्य रत्नों से भी अच्छी है, और सारी मनभावनी वस्तुओं में कोई भी उसके तुल्य नहीं है।
नीतिवचन 8:6-11 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
क्योंकि मैं तुम पर उत्कृष्ट बातें प्रकट करूंगी; मेरे मुख से वही सब निकलेगा जो सुसंगत ही है, क्योंकि मेरे मुख से मात्र सत्य ही निकलेगा, मेरे होंठों के लिए दुष्टता घृणास्पद है. मेरे मुख से निकला हर एक शब्द धर्ममय ही होता है; उनमें न तो छल-कपट होता है, न ही कोई उलट फेर का विषय. जिस किसी ने इनका मूल्य पहचान लिया है, उनके लिए ये उपयुक्त हैं, और जिन्हें ज्ञान की उपलब्धि हो चुकी है, उनके लिए ये उत्तम हैं. चांदी के स्थान पर मेरी शिक्षा को संग्रहीत करो, वैसे ही उत्कृष्ट स्वर्ण के स्थान पर ज्ञान को, क्योंकि ज्ञान रत्नों से अधिक कीमती है, और तुम्हारे द्वारा अभिलाषित किसी भी वस्तु से इसकी तुलना नहीं की जा सकती.