नीतिवचन 30:28-33

नीतिवचन 30:28-33 पवित्र बाइबल (HERV)

और वह छिपकली जो बस केवल हाथ से ही पकड़ी जा सकती है, फिर भी वह राजा के महलों में पायी जाती। तीन प्राणी ऐसे हैं जो लगते महत्वपूर्ण जब वे चलते हैं, दरअसल वे चार हैं: एक सिंह, जो सभी पशुओं में शक्तिशाली होता है, जो कभी किसी से नहीं डरता; गर्वीली चाल से चलता हुआ मुर्गा और एक बकरा और वह राजा जो अपनी सेना के मध्य है। तूने यदि कभी कोई मूर्खता का आचरण किया हो, और अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बना हो अथवा तूने कभी कुचक्र रचा हो तो तू अपना मुँह अपने हाथों से ढक ले। जैसे मथने से दूध मक्खन निकालता है और नाक मरोड़ने से लहू निकल आता है वैसे ही क्रोध जगाना झगड़ों का भड़काना होता है।

नीतिवचन 30:28-33 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

छिपकली इतनी छोटी होती है कि तुम उसको हथेली पर ले सकते हो; तो भी वह राजमहलों में रहती है। तीन प्राणियों की चाल आकर्षक होती है, नहीं, चार प्राणी जब चलते हैं तब हृदय को मुग्‍ध कर देते हैं : पशुओं का राजा सिंह, जो किसी भी पशु से नहीं डरता है; मुर्गियों के मध्‍य मुर्गा, बकरा; तथा राजा, जब वह अपनी जनता के आगे-आगे चलता है। यदि तूने अपनी प्रशंसा करने की मूर्खता की है, यदि तूने दुष्‍कर्म करने का षड्‍यन्‍त्र रचा है, तो अपने मुंह को बन्‍द रख। जैसे दूध को मथने से मक्‍खन, और नाक को मरोड़ने से खून निकलता है, वैसे ही क्रोध को उभाड़ने से झगड़ा उत्‍पन्न होता है।

नीतिवचन 30:28-33 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

छिपकली, जो हाथ से पकड़े जाने योग्य लघु प्राणी है, किंतु इसका प्रवेश राजमहलों तक में होता है. “तीन हैं, जिनके चलने की शैली अत्यंत भव्य है, चार की गति अत्यंत प्रभावशाली है: सिंह, जो सभी प्राणियों में सबसे अधिक शक्तिमान है, वह किसी के कारण पीछे नहीं हटता; गर्वीली चाल चलता हुआ मुर्ग, बकरा, तथा अपनी सेना के साथ आगे बढ़ता हुआ राजा. “यदि तुम आत्मप्रशंसा की मूर्खता कर बैठे हो, अथवा तुमने कोई षड़्‍यंत्र गढ़ा है, तो अपना हाथ अपने मुख पर रख लो! जिस प्रकार दूध के मंथन से मक्खन तैयार होता है, और नाक पर घूंसे के प्रहार से रक्त निकलता है, उसी प्रकार क्रोध को भड़काने से कलह उत्पन्‍न होता है.”