नीतिवचन 30:24-33

नीतिवचन 30:24-33 पवित्र बाइबल (HERV)

चार जीव धरती के, जो यद्यपि बहुत क्षुद्र हैं किन्तु उनमें अत्याधिक विवेक भरा हुआ है। चीटियाँ जिनमें शक्ति नहीं होती है फिर भी वे गर्मी में अपना खाना बटोरती हैं; बिज्जू दुर्बल प्राणी हैं फिर भी वे खड़ी चट्टानों में घर बनाते; टिड्डियों का कोई भी राजा नहीं होता है फिर भी वे पंक्ति बाँध कर एक साथ आगे बढ़ती हैं। और वह छिपकली जो बस केवल हाथ से ही पकड़ी जा सकती है, फिर भी वह राजा के महलों में पायी जाती। तीन प्राणी ऐसे हैं जो लगते महत्वपूर्ण जब वे चलते हैं, दरअसल वे चार हैं: एक सिंह, जो सभी पशुओं में शक्तिशाली होता है, जो कभी किसी से नहीं डरता; गर्वीली चाल से चलता हुआ मुर्गा और एक बकरा और वह राजा जो अपनी सेना के मध्य है। तूने यदि कभी कोई मूर्खता का आचरण किया हो, और अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बना हो अथवा तूने कभी कुचक्र रचा हो तो तू अपना मुँह अपने हाथों से ढक ले। जैसे मथने से दूध मक्खन निकालता है और नाक मरोड़ने से लहू निकल आता है वैसे ही क्रोध जगाना झगड़ों का भड़काना होता है।

नीतिवचन 30:24-33 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

धरती पर ये चार प्राणी छोटे माने जाते हैं, किन्‍तु ये बड़े बुद्धिमान होते हैं: चींटियां कीड़े-मकोड़ों में निर्बल होती हैं; पर वे वर्ष भर के लिए भोजन ग्रीष्‍म काल में इकट्ठा कर लेती हैं। चट्टानी बिज्‍जू जीव-जन्‍तुओं में निर्बल होता है, किन्‍तु वह अपना घर मजबूत चट्टानों में बनाता है। टिड्डियों में कोई राजा नहीं होता, फिर भी वे सैन्‍य दल के सदृश पंिक्‍त में चलती हैं। छिपकली इतनी छोटी होती है कि तुम उसको हथेली पर ले सकते हो; तो भी वह राजमहलों में रहती है। तीन प्राणियों की चाल आकर्षक होती है, नहीं, चार प्राणी जब चलते हैं तब हृदय को मुग्‍ध कर देते हैं : पशुओं का राजा सिंह, जो किसी भी पशु से नहीं डरता है; मुर्गियों के मध्‍य मुर्गा, बकरा; तथा राजा, जब वह अपनी जनता के आगे-आगे चलता है। यदि तूने अपनी प्रशंसा करने की मूर्खता की है, यदि तूने दुष्‍कर्म करने का षड्‍यन्‍त्र रचा है, तो अपने मुंह को बन्‍द रख। जैसे दूध को मथने से मक्‍खन, और नाक को मरोड़ने से खून निकलता है, वैसे ही क्रोध को उभाड़ने से झगड़ा उत्‍पन्न होता है।

नीतिवचन 30:24-33 Hindi Holy Bible (HHBD)

पृथ्वी पर चार छोटे जन्तु हैं, जो अत्यन्त बुद्धिमान हैं: च्यूटियां निर्बल जाति तो हैं, परन्तु धूप काल में अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं; शापान बली जाति नहीं, तौभी उनकी मान्दें पहाड़ों पर होती हैं; टिड्डियों के राजा तो नहीं होता, तौभी वे सब की सब दल बान्ध बान्ध कर पलायन करती हैं; और छिपकली हाथ से पकड़ी तो जाती है, तौभी राजभवनों में रहती है॥ तीन सुन्दर चलने वाले प्राणी हैं; वरन चार हैं, जिन की चाल सुन्दर है: सिंह जो सब पशुओं में पराक्रमी हैं, और किसी के डर से नहीं हटता; शिकारी कुत्ता और बकरा, और अपनी सेना समेत राजा। यदि तू ने अपनी बड़ाई करने की मूढ़ता की, वा कोई बुरी युक्ति बान्धी हो, तो अपने मुंह पर हाथ धर। क्योंकि जैसे दूध के मथने से मक्खन और नाक के मरोड़ने से लोहू निकलता है, वैसे ही क्रोध के भड़काने से झगड़ा उत्पन्न होता है॥

नीतिवचन 30:24-33 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

पृथ्वी पर चार छोटे जन्तु हैं, जो अत्यन्त बुद्धिमान हैं : चींटियाँ निर्बल जाति तो हैं, परन्तु धूपकाल में अपनी भोजनवस्तु बटोरती हैं; बिज्जू बली जाति नहीं, तौभी उनकी मान्दें पहाड़ों पर होती हैं; टिड्डियों के राजा तो नहीं होता, तौभी वे सब की सब दल बाँध बाँधकर चलती हैं; और छिपकली हाथ से पकड़ी तो जाती है, तौभी राजभवनों में रहती है। तीन सुन्दर चालवाले प्राणी हैं; वरन् चार हैं, जिन की चाल सुन्दर है : सिंह जो सब पशुओं में पराक्रमी है, और किसी के डर से नहीं हटता; शिकारी कुत्ता और बकरा, और अपनी सेना समेत राजा। यदि तू ने अपनी बड़ाई करने की मूढ़ता की, या कोई बुरी युक्‍ति बाँधी हो, तो अपने मुँह पर हाथ रख। क्योंकि जैसे दूध के मथने से मक्खन, और नाक के मरोड़ने से लहू निकलता है, वैसे ही क्रोध के भड़काने से झगड़ा उत्पन्न होता है।

नीतिवचन 30:24-33 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

पृथ्वी पर चार छोटे जन्तु हैं, जो अत्यन्त बुद्धिमान हैं चींटियाँ निर्बल जाति तो हैं, परन्तु धूपकाल में अपनी भोजनवस्तु बटोरती हैं; चट्टानी बिज्जू बलवन्त जाति नहीं, तो भी उनकी माँदें पहाड़ों पर होती हैं; टिड्डियों के राजा तो नहीं होता, तो भी वे सब की सब दल बाँध बाँधकर चलती हैं; और छिपकली हाथ से पकड़ी तो जाती है, तो भी राजभवनों में रहती है। तीन सुन्दर चलनेवाले प्राणी हैं; वरन् चार हैं, जिनकी चाल सुन्दर है: सिंह जो सब पशुओं में पराक्रमी है, और किसी के डर से नहीं हटता; शिकारी कुत्ता और बकरा, और अपनी सेना समेत राजा। यदि तूने अपनी बढ़ाई करने की मूर्खता की, या कोई बुरी युक्ति बाँधी हो, तो अपने मुँह पर हाथ रख। क्योंकि जैसे दूध के मथने से मक्खन और नाक के मरोड़ने से लहू निकलता है, वैसे ही क्रोध के भड़काने से झगड़ा उत्पन्न होता है।

नीतिवचन 30:24-33 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

“पृथ्वी पर चार प्राणी ऐसे हैं, जो आकार में तो छोटे हैं, किंतु हैं अत्यंत बुद्धिमान: चीटियों की गणना सशक्त प्राणियों में नहीं की जाती, फिर भी उनकी भोजन की इच्छा ग्रीष्मकाल में भी समाप्‍त नहीं होती; चट्टानों के निवासी बिज्जू सशक्त प्राणी नहीं होते, किंतु वे अपना आश्रय चट्टानों में बना लेते हैं; अरबेह टिड्डियों का कोई शासक नहीं होता, फिर भी वे सैन्य दल के समान पंक्तियों में आगे बढ़ती हैं; छिपकली, जो हाथ से पकड़े जाने योग्य लघु प्राणी है, किंतु इसका प्रवेश राजमहलों तक में होता है. “तीन हैं, जिनके चलने की शैली अत्यंत भव्य है, चार की गति अत्यंत प्रभावशाली है: सिंह, जो सभी प्राणियों में सबसे अधिक शक्तिमान है, वह किसी के कारण पीछे नहीं हटता; गर्वीली चाल चलता हुआ मुर्ग, बकरा, तथा अपनी सेना के साथ आगे बढ़ता हुआ राजा. “यदि तुम आत्मप्रशंसा की मूर्खता कर बैठे हो, अथवा तुमने कोई षड़्‍यंत्र गढ़ा है, तो अपना हाथ अपने मुख पर रख लो! जिस प्रकार दूध के मंथन से मक्खन तैयार होता है, और नाक पर घूंसे के प्रहार से रक्त निकलता है, उसी प्रकार क्रोध को भड़काने से कलह उत्पन्‍न होता है.”